नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है। दिल्ली के मॉडल टाउन से उम्मीदवार कपिल मिश्रा को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने को लेकर नोटिस मिला है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी से 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है।

दरअसल, कपिल मिश्रा ने पिछले दिनों किए गए एक ट्वीट में कहा था कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने शाहीन बाग जैसे मिनी पाकिस्तान खड़े किए हैं। जवाब में 8 फरवरी को हिंदुस्तान खड़ा होगा। चुनाव आयोग ने इसी ट्वीट को लेकर उन्हें नोटिस भेजा है।

बता दें कि कपिल मिश्रा आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रह चुके हैं लेकिन अरविंद केजरीवाल से मतभेद के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में चले गए। इस बार बीजेपी ने उन्हें मॉडल टाउन से टिकट दिया है। वे आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदान होना है। यहां मुख्य मुकाबला तीन प्रमुख दलों आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है, लेकिन बीजेपी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने कहा है कि 8 फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच मुकाबला होगा। चुनाव आयोग ने इसी बात पर उन्हें नोटिस थमाया है।

शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर गुरुवार को कपिल मिश्रा ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि 8 फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच मुकाबला होगा। कपिल मिश्रा ने ये भी कहा कि शाहीन बाग जैसे इलाके में मिनी पाकिस्तान बनाया जा रहा है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कपिल मिश्रा ने इस सिलसिले में एक ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने शाहीन बाग जैसे मिनी पाकिस्तान खड़े किए हैं। जवाब में 8 फरवरी को हिंदुस्तान खड़ा होगा।

इससे पहले आम आदमी पार्टी ने बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की कि मॉडल टाउन विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा के नामांकन पत्र को रिटर्निंग अधिकारी की ओर से गलत तरीके से स्वीकार किया गया है। आम आदमी पार्टी ने निर्वाचन अधिकारी से मिश्रा की उम्मीदवारी रद्द करने का अनुरोध किया।

कपिल मिश्रा पिछले दिनों आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी के पाले में चले गए थे। वे केजरीवाल सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। आम आदमी पार्टी से नाता तोड़ने के बाद वे लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नीतियों पर निशाना साधते रहे हैं।