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बग़दाद की सड़कों पर अमरीका के ख़िलाफ़ उमड़ा जनसैलाब

बगदाद: इराक़ के शिया लीडर और धर्म गुरु मुक़तदा अल सद्र और कई राजनीतिक दलों द्वारा अमरीकी सैनिकों को देश से निकाल बाहर करने के लिए 24 जनवरी को दिए गए मार्च के आह्वान पर आज इराक की सड़कों पर जान सैलाब उमड़ पड़ा|

शुक्रवार को सुबह सवेरे से ही बड़ी संख्या में बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाएं हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लेकर बग़दाद की सड़कों पर निकल पड़े और देखते ही देखते यह सड़कें इंसानों के समुद्र का मंज़र पेश करने लगीं।

लाखों की इस रैली में सैकड़ों लोग अपने सिरों पर कफ़न बांधकर निकले, जो इस बात का प्रतीक है कि अमरीका को उनके देश से अपने सैनिकों को बाहर निकाल लेना चाहिए, अगर उसने ऐसा नहीं किया तो इराक़ी जनता प्रतिरोध और संघर्ष के बल पर उन्हें बाहर निकाल कर फेंक दी।

प्रदर्शनकारियों के हाथों में ऐसे प्लेकार्ड भी देखने को मिले, जिन पर लिखा थाः हम अमरीकी सैनिकों के परिवारों से कहना चाहते हैं कि अपने बेटों को हमारे देश से निकालने के लिए अपनी सरकार पर दबाव बनाएं, वरना उनकी लाशों का स्वागत करने के लिए तैयार हो जायें।

प्रदर्शनकारी हमलावर बाहर निकलो और हमारे देश की संप्रभुता का सम्मान करो जैसे नारे लगा रहे थे। अमरीका मुर्दाबाद और इस्राईल मुर्दाबाद के नारो से भी पूरा इराक़ गूंज उठा।

इस अवसर पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे और प्रदर्शनकारियों को ग्रीन ज़ोन में घुसने से रोकने के लिए कि जहां अमरीकी दूतावास स्थित है, पुलिस ने बड़े बड़े बैरिकेड लगा रखे थे।

यह मिलियन मार्च 3 जनवरी को बग़दाद में अमरीकी हवाई हमले में इराक़ी और ईरानी कमांडरों की हत्या के बाद वाशिंगटन पर इराक़ से अपने सैनिकों को बाहर निकालने के लिए दबाव में वृद्धि के लिए आयोजित किया गया।

इराक़ कई नेताओं और अधिकारियों ने इस मिलियन मार्च को अमरीकी सैनिकों को देश से बाहर निकलाने पर रेफ़्रंडम क़रार दिया है।

इराक़ी संसद भी विदेशी सैनिकों को देश से निकलाने का एक बिल पास कर चुकी है, जिसमें बग़दाद सरकार से मांग की गई थी कि तुरंत विदेशी सैनिकों को बाहर निकालने की व्यवस्था की जाए।

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