नई दिल्ली: नागरिकता कानून और NRC के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच कांग्रेस ने विपक्षी दलों की दिल्ली में आज बैठक बुलाई. संसद भवन परिसर में हुई विपक्षी दलों की इस बैठक में देश के राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई. बैठक में लगभग बीस दलों ने शिरकत की हालांकि टीएमसी, शिवसेना बीएसपी और आम आदमी पार्टी ने किसी न किसी बहाने बैठक से अपने को दूर रखा जिसे विपक्षी एकता के सोनिया गाँधी के प्रयासों को झटका ज़रूर ज़रूर कहा जायेगा. पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, ए के एंटनी, के सी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला, सीपीएम के सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल, आरजेडी के मनोज झा, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी और आरएलडी के अजित सिंह मौजूद रहे .

बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि, 'सरकार लोगों को दबाने, नफरत फैलाने और विभाजन का काम कर रही है. अभूतपूर्व उथल-पुथल का माहौल है. संविधान को कमजोर किया जा रहा है और शासन का दुरुपयोग हो रहा है. एनआरसी और सीएए का उल्लेख करते हुए सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी और अमित शाह ने देश को गुमराह किया है. उन्होंने दावा किया कि असम में एनआरसी का दांव उल्टा पड़ गया. सोनिया गाँधी ने यह भी कहा कि मोदी-शाह सरकार अब एनपीआर के सहारे पूरे देश में एनआरसी लागू करने की कोशिश कर रही है.'

उन्होंने कहा कि जेएनयू में जामिया, बीएचयू, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और एएमयू और देश के अन्य हिस्सों में उच्च शिक्षा के अन्य संस्थानों में जो कुछ भी हुआ, उसे देश ने भयानक रूप से देखा है। मोदी-शाह सरकार शासन करने और लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में नाकाम रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि असम में एनआरसी उल्टा पड़ गया। मोदी-शाह सरकार अब एनपीआर की प्रक्रिया को करने में लगी है। साफ है कि एनपीआर को पूरे देश में एनआरसी लागू करने के लिए किया जा रहा है।

सोनिया गांधी ने कहा कि आज भारत के सामने असल मुद्दा आर्थिक गतिविधियों का पतन और विकास को कमजोर करना है, जो समाज के सभी वर्गों, खासकर गरीब और वंचितों को प्रभावित कर रहा है। प्रधान मंत्री और गृह मंत्री के पास कोई जवाब नहीं है और एक के बाद एक विभाजनकारी और ध्रुवीकरण के मुद्दे को उठाकर देश का ध्यान इस गंभीर वास्तविकता से हटाना चाहते हैं।

बैठक के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा कि पीएम देश के लोगों को विचलित और विभाजित कर रहे हैं। उन्होंने पीएंम को चुनौती देते हुए कहा कि वे किसी एक यूनिवर्सिटी में जाएं और छात्रों को बताएं कि अर्थव्यवस्था के सुधार और रोजगार पैदा करने के लिए क्या करेंगे। इस तरह की बात करने के लिए पीएम में साहस होना चाहिए लेकिन उनमें यह करने की हिम्मत नहीं है।