CAA पर प्रधानमंत्री के बयान से रामकृष्ण मठ और मिशन ने बनाई दूरी बनाई

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बेलूर स्थित रामकृष्ण मठ और मिशन ने नागरिकता संशोधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से दूरी बना ली। मिशन ने कहा कि वह गैर राजनीतिक संगठन है। इसलिए ऐसे मामलों पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेगा। पीएम ने यहां अपने भाषण में कहा था कि नए कानून में किसी की नागरिकता छीनने की कोई बात नहीं है और समाज का एक वर्ग इस मुद्दे पर युवाओं को गुमराह कर रहा है।

मिशन के महासचिव स्वामी सुवीरानंद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि संगठन पीएम के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा क्योंकि हम गैर राजनीतिक संगठन हैं। हम अपना घर छोड़कर यहां चिरकालिक विषयों पर विचार करने के लिए आए हैं। हम ऐसे क्षणभंगुर मुद्दों पर बात नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी हमारे मेहमान थे। यह उनकी मर्जी है, वह क्या बोलते हैं।

पीएम मोदी ने मिशन में कहा था कि इतनी स्पष्टता के बावजूद, कुछ लोग नागरिकता कानून को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। जो बात यहां बैठे बच्चों को समझ में आ गई वह कई राजनीतिक दलों के लोगों को समझ में नहीं आई। दरअसल, वे समझना ही नहीं चाहते। मोदी ने कहा कि सीएए को लेकर देश भर में चर्चा हो रही है। इस कानून को लेकर कुछ युवा भ्रम के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की धरती से एक बार फिर से वे लोगों को आश्वस्त करना चाहेंगे कि ये कानून नागरिकता देने के लिए बना है। छीनने के लिए नहीं।

पीएम मोदी ने कहा, “आपने इसे बहुत स्पष्ट रूप से समझा। लेकिन राजनीतिक खेल खेलने वाले जानबूझकर समझने से इनकार करते हैं। सीएए पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेलूर मठ में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या भारत आए शरणार्थियों को मरने के लिए छोड़ देना चाहिए, क्या उन्हें लेकर हमारी जिम्मेदारी नहीं है। पीएम ने कहा कि इतनी स्पष्टता के बावजूद, कुछ लोग सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। मुझे खुशी है कि आज का युवा ही ऐसे लोगों का भ्रम भी दूर कर रहा है।