हम चाहते तो 500 अमरीकी सैनिक मरते, ईरानी कमांडर का खुलासा

तेहरान: आईआरजीसी की वायु सेना के प्रमुख जनरल हाजीज़ादे ने अमरीकी छावनी " एनुलअसद" पर हमले का ब्योरा देते हुए बताया कि " शहीद सुलैमानी " आप्रेशन के अंतर्गत अमरीकी छावनी पर मिसाइल एक बड़े अभियान का भाग था जो अब पूरे क्षेत्र में जारी रहेगा। जनरल हाजीज़ादे ने हम अधिक से अधिक लोगों को मारने के प्रयास में नहीं थे बल्कि हम अमरीकियों की युद्ध क्षमता को नुक़सान पहुंचाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि हमारे शहीदों का मूल्य बहुत अधिक है और बस इतने पर ही हम संतोष नहीं कर सकते, उनके खून के बदले अमरीकी छावनियों पर हमला, उनके विमानों को मार गिराना यहां तक कि ट्रम्प की हत्या भी पर्याप्त नहीं है और अमरीकियों से बदला उस समय पूरा होगा जब वरिष्ठ नेता के कथनानुसार, यह इलाका उनकी उपस्थिति से पवित्र हो जाएगा।

जनरल हाजीज़ादे ने कहा कि प्रतिरोध मोर्चे के संगठन अमरीकियों को खदेड़ कर रहेंगे और हमें आशा है कि इराक़ की तरह अन्य देशों की सरकारें भी इस अभियान में सहयोग करेंगी।

जनरल हाजीज़ादे ने अमरीकी छावनी पर मिसाइल हमले का ब्योरा देते हुए कहा कि हमने इस से पहले दाइश के खिलाफ इस प्रकार का आप्रेशन किया था जहां से जवाबी कार्यवाही की आशंका नहीं थी लेकिन इस बार हमने अमरीकी छावनी पर हमला किया था जिस की ओर दूसरे विश्व युद्ध के बाद किसी ने एक गोली भी नहीं चलायी थी इस लिए अमरीका की ओर से जवाबी कार्यवाही के लिए हम तैयार थे लेकिन अमरीका ने संयम दिखायी और युद्ध टल गया।

उन्होंने बताया कि हमने अमरीकी छावनी पर 13 मिसाइल दागे किंतु कई सौ मिसाइल तैयार कर लिये थे। अगर हम चाहते थे तो पहली बार में ही कम से कम 500 सैनिक मार डालते और अगर वह जवाब देते तो दूसरे और तीसरे चरण में उनके 4 हज़ार से 5 हज़ार सैनिक मारे जाते।

जनरल हाजीज़ादे ने कहा हमारी किसी मिसाइल पर एक गोली भी नहीं चलायी गयी जबकि अमरीकी पूरी तरह से तैयार थे और उनके 12 ड्रोन विमान, आकाश में पहरा दे रहे थे। उन्होंने बताया कि मिसाइल हमले के 15 मिनट बाद हमने एक बड़ा इलेक्ट्रानिक हमला किया और उनके ड्रोन कुछ देर के लिए उनके कंट्रोल से बाहर हो गये जिसे अमरीकी बुरी तरह बौखला गये।

उन्होंने बताया कि हम सैनिकों के आवास को निशाना बना सकते थे किंतु हमने यह काम नहीं किया और एनुलअसद छावनी का कंट्रोल रूप तबाह कर दिया। उन्होंने बताया कि इराक़ की अत्ताजी और एनुल असद, जार्डन की शहीद मुअफ्फर और कुवैत अली अस्सालिम छावनियां, जनरल सुलैमानी की हत्या की योजना में शामिल थीं, हम पहले अत्ताजी को निशाना बनाना चाहते थे लेकिन बाद में एनुलअसद का चयन किया गया।

जनरल हाजीज़ादे ने बताया कि एनुल असद पर हमले के बाद कम से कम 9 उड़ानों द्वारा घायलों को जार्डन और इस्राईल ले जाया गया और कुछ घायलों को हेलीकाप्टर द्वारा बगदाद में अमरीकी अस्पताल में पहुंचाया गया।

जनरल हाजीज़ादे ने कहा कि अमरीकी हो हल्ला करके और मीडिया द्वारा प्रोपगंडे खूब करते हैं लेकिन ईरान जैसे देश से मुक़ाबले की हिम्मत नहीं हैं इसी लिए हम अमरीकियों से कहते हैं कि वह खुद ही अरब देशों से चले जाएं। उन्होंने कहा कि हमारे पास क़ासिम सुलैमानी जैसी हस्तियां बहुत हैं इस लिए जनता चिंता न करे।