राजनाथ सिंह ने लखनऊ में शुरू किया नागरिक संशोधन अधिनियम सम्पर्क महाअभियान

लखनऊ: लखनऊ में नागरिकता क़ानून पर जागरूकता अभियान की शुरुआत करते हुए लखनऊ के सांसद व देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि
अब यह भ्रम फैलाना बन्द होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जाति धर्म या मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नही करती है। भारत ने
हमेशा वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया है।

नागरिक संशोधन अधिनियम सम्पर्क महाअभियान के अन्तर्गत सरोजनी नगर विधानसभा के आशियाना स्थित जस्टिस
खेमकरन के आवास पर राजनाथ सिंह ने जस्टिस खेमकरन, जस्टिस भगवानदीन,
जस्टिस ए.पी. सिंह, समाजसेवी रेखा त्रिपाठी, डॉ. जे.पी. गुप्ता, सुधीर
कुमार पूर्व डी.आई.जी. सहित उपस्थित प्रबुद्ध वर्ग को नागरिक संशोधन
अधिनियम पर पुस्तिका ‘‘नागरिकता (संशोधन) अधिनियम-2019 एक परिचय’’ एवं
पत्रक ‘‘नागरिकता संशोधन-2019 महत्तवपूर्ण बिन्दु’’ भेंट करते हुए कहा कि
आप सब आगे बढ़कर आयें और देश में फैले इस भ्रम को दूर करें, हमारी पार्टी
के वरिष्ठ पदाधिकारी से लेकर बूथ अध्यक्ष तक आज से इस अभियान में लग गए
हैं जो घर-घर जाकर लोगों को इस अधिनियम के विषय में जागरूक करेंगें, यह
अधिनियम कतई किसी की नागरिकता लेने वाला नहीं है इस बिल से पाकिस्तान,
बांग्लादेश, अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक जो भारत में शरणार्थी के रूप मंे
रह रहे हैं उनको नागरिकता देने का है।

उन्होंने कहा, अब विपक्ष द्वारा देश में फैलाये
जा रहे इस भ्रम को बन्द होना चाहिए। इस नागरिक संशोधन बिल को संसद के
समक्ष 2019 में मेरे द्वारा ही रखा गया था जिसमें किसी भारतीय के हितों
का कोई भी नुकसान नहीं है किसी जाति, धर्म व मजहब पर कोई प्रतिकूल प्रभाव
नही पड़ेगा। यह अधिनियम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के
अल्पसंख्यक जो धर्म के आधार पर प्रताड़ित किए गए जिनमें मुख्यतः हिन्दू,
सिख, इसाई, जैन, बौद्ध, पारसी जनों को नागरिकता देने का प्राविधान है न
कि किसी भारतीय से नागरिकता छीनने का। विपक्षियों द्वारा भ्रांति फैलायी
जा रही है, राजनीति दलों पर सवाल उठाते हुये कहा कि क्या सच बोलकर
राजनीति नही की जा सकती है और एक धर्म विशेष के लोगों को भड़काया जा रहा
है किसी भी भारतीय नागरिक को भयभीत होने की तनिक भी आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि 1971 की लड़ाई के बाद जो नागरिक भारत आये थे उन्हें भी
नागरिकता दी गयी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी वकालत की थी। अब
अनावश्यक भ्रम फैलाया जा रहा है।

रक्षामंत्री ने कहा कि सच्चा हिन्दुस्तानी जाति धर्म मजहब के आधार पर कोई भेदभाव नही करता है,
उन्होंने कहा कि भारत में सिटीजन सिप एक्ट पहले से है जो भी भारत में 12
वर्ष रहता है उसे पहले भी नागरिकता दी जाती रही है। पिछले 6 वर्षों में
तीन हजार लोगों को नागरिकता दी गयी है। इसमें तमाम मुस्लिम समुदाय के लोग
भी हैं।