नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय और कॉलेजों के प्रदर्शनकारी छात्रों को लेकर बयान दिया. अपने इस बयान को लेकर वह विपक्ष के निशाने पर आ गए. सेना प्रमुख के बयान के बचाव में अब पूर्व आर्मी चीफ और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह उतरे हैं. वीके सिंह ने कहा कि 'आर्मी चीफ के बयान में मुझे कोई राजनीति नहीं दिखती है.' उन्होंने मीडिया से उनके बयान का 'संदर्भ' का पता लगाने का भी अनुरोध किया.
बता दें कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एक इवेंट के दौरान गुरुवार को कहा था, 'नेता वे नहीं हैं जो गलत दिशा में लोगों का नेतृत्व करते हैं. जैसा कि हम लोग गवाह रहे हैं कि बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों ने शहरों और कस्बों में आगजनी और हिंसा करने के लिए जन और भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं. यह नेतृत्व नहीं है.'
जनरल वीके सिंह ने कहा कि छात्रों को विरोध प्रदर्शन के दौरान शांति बनाए रखने के लिए कहने में कुछ भी राजनीतिक नहीं था. उन्होंने कहा, 'हमारे देश में विपक्ष किसी चीज को विवाद में बदल सकता है. उस बयान को आदर्श संदर्भ में देखना होगा, जिसमें सेना प्रमुख ने एक खास बात कही. उनसे पूछें कि उसका क्या मतलब है? अगर मैं कहता हूं कि छात्र अनावश्यक रूप संपत्ति को नुकसान नहीं पहुचाते हैं तो क्या यह राजनीति है? अपने दिल से इस सवाल का जवाब पूछे. सेना प्रमुख के बयान के साथ क्रॉस-चेक करें कि उन्होंने किस संदर्भ में यह कहा हो सकता है.
उन्होंने कहा, 'अगर मैं फुटबॉल खेलता हूं तो विपक्ष कहेगा कि इसमें राजनीति है. अगर आपको संदर्भ समझ में नहीं आता है, तो उनके साथ बातचीक कर स्पष्ट करें. अगर उन्होंने छात्रों को आगजनी न करने की सलाह दी तो इसमें क्या गलत है?
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