नई दिल्ली: भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय और कॉलेजों के प्रदर्शनकारी छात्रों को लेकर बयान दिया है. उन्होंने एक इवेंट के दौरान कहा, ''नेता वे नहीं हैं जो गलत दिशा में लोगों का नेतृत्व करते हैं. जैसा कि हम लोग गवाह रहे हैं कि बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों ने शहरों और कस्बों में आगजनी और हिंसा करने के लिए जन और भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं. यह नेतृत्व नहीं है.''
इसके अलावा भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा, "जब हम दिल्ली में खुद को सर्दी से बचाने के लिए पोशाक पहने खड़े हैं, मैं अपने उन जवानों को सम्मान देना चाहता हूं, जो सियाचिन में साल्तोरो ब्रिज पर मुस्तैद खड़े हैं, और उन्हें भी, जो ऊंचाइयों पर मौजूद पोज़ीशन पर पहरा दे रहे हैं, जहां तापमान -10 से -45 डिग्री रहता है…"
बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में 9 दिसंबर, 2019 को पास होने के बाद 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया जहां एक लंबी बहस के बाद यह बिल पास हो गया. इस बिल के पास होने के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून बन गया. इस कानून के विरोध में असम, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए.
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