पटना: जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) ने अपने सहयोगी भाजपा से आह्वान किया कि वह देशव्यापी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के प्रस्ताव पर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक बुलाए।

जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि एनआरसी के खिलाफ कई एनडीए दलों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं।त्यागी ने कहा, "अगर एनडीए की बैठक बुलाई जाती है, तो जदयू इसका स्वागत करेगा। सीएए-एनआरसी को लेकर जारी विरोध के बीच बैठक बहुत महत्वपूर्ण है।"

उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि इसे राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। "हम एनआरसी के खिलाफ हैं।"

एक अन्य भाजपा सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने सरकार से एनआरसी पर आशंकाओं को दूर करने के लिए लोगों से संपर्क करने को कहा है। लोजपा नेता चिराग पासवान ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, "एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को विश्वास में लेना सरकार की जिम्मेदारी है। लोक जनशक्ति पार्टी एक सहयोगी के रूप में केंद्र से अनुरोध करती है कि केंद्र प्रदर्शनकारियों से संवाद करे।"

इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को घोषणा की कि प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) राज्य में लागू नहीं होगा। इसके बाद इस विवादास्पद फैसले का विरोध करने वाले वह सत्तारूढ़ राजग के पहले प्रमुख सहयोगी बन गये। कई गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री पहले ही इसका विरोध कर रहे हैं। जदयू नेता ने एनआरसी लागू करने के खिलाफ आवाज उठाई तो केंद्र सरकार ने भी इस व्यापक कवायद को लेकर आशंकाओं को खारिज करने का प्रयास किया।

गृह मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि जिस किसी का जन्म भारत में एक जुलाई, 1987 से पहले हुआ हो या जिनके माता-पिता का जन्म उस तारीख से पहले हुआ हो, वे कानून के अनुसार भारत के वास्तविक नागरिक हैं और उन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम या संभावित एनआरसी से चिंता करने की जरूरत नहीं है।

नये संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शनों के बीच नीतीश ने अपनी पार्टी का रुख साफ किया और कहा, “काहे का एनआरसी? बिलकुल लागू नहीं होगा।” एनडीए में शामिल दलों में से जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने एनआरसी को अखिल भारतीय स्तर पर लागू करने के खिलाफ आवाज उठाई है।