नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जनसुरक्षा कानून के तहत फारूक अब्दुल्ला की हिरासत अवधि तीन महीने और बढ़ा दी है। फारूक अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही नजरबंद कर लिया गया था। उनके साथ उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन समेत कई नेताओं को भी नजरबंद किया गया है। इन नेताओं को होटल से लेकर सरकारी बंगलों में रखा गया है।
नेशनल कांफ्रेस (नेकां) के नेता पर सख्त जन सुरक्षा कानून (पीएसए) पहली बार 17 सितंबर को लगाया गया था, जिसके कुछ ही घंटे बाद एमडीएमके नेता वाइको की एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय सुनवाई करने वाला था। याचिका में वाइको ने आरोप लगाया था कि नेकां नेता को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि नेकां अध्यक्ष पर पीएसए के ‘सरकारी आदेश’ के तहत मामला दर्ज किया गया है जो किसी व्यक्ति को बगैर सुनवाई के तीन से छह महीने तक जेल में रखने की इजाजत देता है।
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