प्रथम राष्ट्रीय जूनियर जूजुत्सू चैंपियनशिप 13 दिसम्बर से

लखनऊ। प्राचीन जापानी युद्ध कला जुजुत्सू को बढ़ावा देने के लिए प्रथम राष्ट्रीय जूनियर जूजुत्सू चैंपियनशिप का आयोजन आगामी 13 से 15 दिसम्बर तक केडी सिंह बाबू स्टेडियम के बैडमिंटन हाल में किया जा रहा है। जुजुत्सू एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (जेजेएआई) के तत्वावधान में जुजुत्सू एसोसिएशन ऑफ़ उत्तर प्रदेश (जेजेएयूपी) के द्वारा आयोजित इस चैंपियनशिप में मेजबान यूपी सहित विभिन्न राज्यों के 500 खिलाड़ी भाग लेंगे।

जुजुत्सू एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष श्री सुरेश गोपी व महासचिव श्री विनय जोशी ने बताया कि इस प्रतियोगिता में अंडर-16, अंडर-14, अंडर-12, अंडर-10 व अंडर-8 आयु वर्ग में नी-वाजा सिस्टम, फाइटिंग सिस्टम, कान्टेक्ट सिस्टम, डूयो सिस्टम व शो सिस्टम में बालक व बालिका खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे।

अध्यक्ष सुरेश गोपी ने कहा कि जुजुत्सू को मदर ऑफ़ मार्शल आर्ट कहा जाता है। सबसे तेजी से पापुलर हुई इस मार्शल आर्ट की स्पर्धा एशियन गेम्स में भी होती है। वर्तमान में हमारी एसोसिएशन की मौजूदगी 25 से ज्यादा राज्यों में है। महासचिव विनय जोशी ने कहा कि आगामी एशियन गेम्स-2022 की तैयारी के लिए हम रणनीति बनाकर कार्य करेंगे ताकि भारतीय जुजुत्सू खिलाड़ी पदक जीत सके।

जुजुत्सू एसोसिएशन ऑफ़ उत्तर प्रदेश के कोआर्डिनेटर (लखनऊ ओलंपिक एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष) सैयद रफत जुबैर रिजवी ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि जेजेएआई ने इस प्रतिष्ठित जूनियर नेशनल टूर्नामेंट की मेजबानी का मौका हमें दिया है। अब सदैव लखनऊ का जुजुत्सू के भारतीय इतिहास में एक अहम स्थान रहेगा। हम इस चैंपियनशिप की सफल व यादगार आयोजन के लिए पूरी तरह से कार्य करेंगे। उन्होंने जेजेएयूपी के अध्यक्ष व सचिव को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उन्होंने मुझे यूपी कोआर्डिनेटर के तौर पर जिलों में जुुजुत्सू के विस्तार की जिम्मेदारी सौंपी है।

उन्होंने बताया कि चैंपियनशिप के विभिन्न वर्गो में 120 स्वर्ण, 120 रजत व 240 कांस्य पदकों के लिए मुकाबले होंगे। चैंपियनशिप के प्रतिभागी खिलाड़ियों का पहले दिन यानि 13 दिसम्बर को वजन किया जाएगा जबकि मुकाबलों की शुरूआत 14 दिसम्बर को होगी।

जेजेएयूपी के अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि हम अपनी पूरी तकनीकी जानकारी का उपयोग इस खेल के विकास के लिए कड़ी मेहनत के साथ कर रहे है। जेजेएयूपी के सचिव अमित अरोड़ा के अनुसार हम उत्तर प्रदेश पर ज्यादा ध्यान दे रहे है क्योंकि यहां की आबादी को देखते हुए यहां से प्रतिभाओं को निखारने के लिए ध्यान दिया जाए तो यहां से देश व प्रदेश के लिए काफी पदक विजेता निकल सकते है।