नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों से नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया है। लेकिन सड़क पर अभी भी तनाव जारी है। पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बिल के खिलाफ प्रदर्शनकारी विरोध कर रहे हैं। विधेयक (सीएबी) के विरोध में सबसे हिंसक प्रदर्शन गुवाहाटी में हो रहे हैं। वहां हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। त्रिपुरा में सेना को बुलाया गया है जबकि असम में सेना को तैयार रहने को कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि सीएबी को लेकर सबसे ज्यादा प्रदर्शन और हिंसा पूर्वोत्तर के इन्हीं दो राज्यों में हो रही है। इस बीच सेना ने गुवाहाटी में फ्लैग मार्च किया।

असम में तनाव बढ़ते देख यहां के दस जिलों में बुधवार शाम सात बजे से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है ताकि हिंसा के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल रोका जा सके। जबकि त्रिपुरा में इंटरनेट सेवाएं मंगलवार को दोपहर दो बजे से ही बंद कर दी गई थीं। ये सेवाएं 72 घंटों के लिए बंद हैं। त्रिपुरा में एसएमएस सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पूर्वोत्तर में चल रहे विरोध के बाद स्पाइसजेट, विस्तारा, इंडिगो ने असम जाने वाली अपनी सभी फ्लाइट को रद्द कर दिया है।

लगातार हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए राज्यों में सुरक्षा बढ़ाई गई है। बुधवार देर शाम को असम रायफल्स की दो कॉलम्स को त्रिपुरा में तैनात किया गया है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल पी खोंगसाई ने कहा कि गुवाहाटी शहर में सेना के दो कॉलम तैनात किए गए हैं और फ्लैग मार्च किया जा रहा है। तिनसुकिया, डिब्रूगढ़ और जोरहाट जिलों में भी सेना तैनात की गई है,। देर रात डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू भी अनिश्चित काल के लिए लगाया गया।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली के घरों को प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया। डिब्रूगढ़ के उपायुक्त पल्लव गोपाल झा ने कहा कि लखीनगर क्षेत्र में मुख्यमंत्री के घर पर पत्थर फेंके गए। प्रदर्शनकारियों ने दुलियाजान में केंद्रीय मंत्री के घर को भी नुकसान पहुंचाया। अधिकारियों ने कहा कि गुवाहाटी, 11 दिसंबर (भाषा) असम के दुलियाजान में केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली के घर पर बुधवार रात नागरिकता विरोधी प्रदर्शनकारियों ने हमला किया। उन्होंने कहा कि डिब्रूगढ़ जिले के दुलियाजान में मंत्री के घर पर संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री लोकसभा में डिब्रूगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे पहले, असम प्रमुख के घर पर पथराव किया गया।

विरोध प्रदर्शन के बीच सोशल मीडिया पर शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तथा इसके "दुरुपयोग" को रोकने के लिए, असम के 10 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चरैदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। जबकि त्रिपुरा के पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाएं पहले से ही निलंबित हैं। त्रिपुरा में एसएमएस सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।

अधिकारियों ने बताया कि सड़कों पर टायर जलाए गए हैं। वाहनों और ट्रेन की आवाजाही रोकने के लिए सड़कों और पटरियों पर लकड़ियों के कुन्दे रख दिए गए हैं। डिब्रूगढ़ में चौलखोवा में रेलवे पटरियों और सड़कों से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठीचार्ज भी किया। उधर, प्रदर्शन के दौरान राज्य सचिवालय के पास छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई। डिब्रूगढ़ और चुलखोवा में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज में घायल होने के बाद कई छात्रों को असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती किया गया है।

गौरतलब है कि इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। लोकसभा से पारित होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल बुधवार को राज्यसभा में भी पारित हो गया। वहीं पूर्वोत्तर के मूल निवासियों का कहना है कि बाहर से आकर नागरिकता लेने वाले लोगों से उनकी पहचान और आजीविका को खतरा है। लिहाजा आसू और अन्य संगठन विधेयक के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।