गुवाहाटी: नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को लेकर पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध जारी है। खासतौर पर असम में प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। इस बीच केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में तैनात किए गए अर्थ सैनिकबल के जवानों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। केंद्र ने बुधवार को असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में 5,000 अर्धसैनिक बल के जवानों को एयरलिफ्ट किया गया। जबकि लगभग 20 कंपनियों (2,000 कर्मियों) को कश्मीर से वापस बुला लिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि शेष 30 कंपनियों को अन्य स्थानों से हटाकर पूर्वोत्तर राज्यों में ले जाया गया। ये सैनिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के हैं।

सुरक्षा बलों को आसानी से असम पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन भी चलाई गई है। दिमापुर में स्पेशल ट्रेन के आने पर एक अधिकारी ने बताया, 'केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर में ऑपरेशन के लिए भेजी जा रही सीआरपीएफ की सात कंपनियों के इंडक्शन ऑर्डर को कैंसल कर दिया है। इन्हें केंद्र सरकार असम भेजने वाली है।'

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर असम के कई हिस्सों में प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, डिब्रूगढ़ में स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते सेना बुला ली गई है। असम के लोग शुरुआत से ही इस बिल का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। इसी को देखते हुए कई ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है, या फिर उनके रास्ते बदल दिए गए हैं। कई ट्रेनों के टाइम-टेबल में भी बदलाव किया गया है।

बता दें कि इसी साल अगस्त में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में भारी मात्रा में पैरा मिलिट्री के जवानों को तैनात किया गया था। जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ समेत पैरा मिलिट्री की अन्य संस्थाओं के जवान तैनात किए गए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद में बताया था कि इस दौरान जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था बरकरार रखने की कोशिश में 1917 लोग घायल हुए हैं। इसी समय के दौरान सुरक्षाबलों के तीन जवानों और 17 आम नागरिकों की मौत हुई है।