नई दिल्ली: नागरिकता संसोधन बिल का विरोध करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा है कि हम जाति नस्ल और धर्म के आधार पर लोगों को बांटने में यकीन नहीं रखते हैं।
तृ्णमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी इस बिल पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बिल को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा, लेकिन किसके, जिन्ना की कब्र पर?
पीएम मोदी ने इस बिल को राज्यसभा में पेश किए जाने से पहले कहा था कि इस बिल को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।
'राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, मैंने पढ़ा कि पीएम ने कहा है कि इसे (बिल को) सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। मैं आपको बताता हूं कि इसे कहां लिखा जाएगा, इसे राष्ट्रपिता की कब्र पर लिखा जाएगा, लेकिन किस राष्ट्रपिता की कब्र पर? कराची में, जिन्ना की कब्र पर?'
सीएबी के सोमवार को लोकसभा में 80 के मुकाबले 311 मतों से पास होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने इसे बुधवार को राज्यसभा में पेश किया।
इस बिल को राज्यसभा में पेश करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस बिल से तीन पड़ोसी देशों के धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होने अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। उन्होंने ये भी कहा कि लेकिन इस बिल से मुस्लिमों को डरने की जरूरत नहीं हैं, क्योंकि वे भारत के नागरिक थे, हैं और रहेंगे।
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