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CAB: सरकार जिन्ना का ख्वाब पूरा करना करने जा रही है-सपा

नई दिल्ली: लोकसभा से पारित होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल आज यानी बुधवार को राज्यसभा में पेश कर दिया गया। गृहमंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को पेश किया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस विधेयक को संविधान के खिलाफ बताते हुए विरोध कर रहे हैं। जहां बिल पास होने को लेकर सरकार आश्वस्त दिख रही है तो वहीं विपक्ष की कोशिश है कि बिल राज्यसभा में पास न हो पाए। बिल पर चर्चा के लिए 6 घंटे का समय तय किया गया है। हालांकि इस बिल को लेकर राज्यसभा में शिवसेना का रुख बहुत ही दिलचस्प होगा। क्योंकि, राज्यसभा में बिल पेश होने से पहले शिवसेना में अलग सुर दिखे।

नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करने के बाद अमित शाह ने कहा कि इस सदन के सामने एक ऐतिहासिक बिल लेकर आया हूं। इस बिल के जो प्रावधान हैं उससे लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा होगा। अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक रहते थे, उनके अधिकारों की सुरक्षा नहीं होती थी उन्हें वहां पर समानता का अधिकार नहीं मिला था। जो अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में आए। उन्हें यहां पर सुविधा नहीं मिली। पाकिस्तान में पहले 20 फीसदी अल्पसंख्यक थे, लेकिन आज 3 फीसदी ही बचे हैं. इस बिल के जरिए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को रियातत मिलेगी।

समाजवादी पार्टी नेता जावेद अली खान ने कहा कि हमारे देश का बंटवारा हुआ था। टू नेशन थिअरी। सावरकर मानते होंगे हिंदू एक राष्ट्र है। जिन्ना मानते होंगे, मुस्लिम एक राष्ट्र हैं। लेकिन मैं पूरे होशोहवास के साथ कह रहा हूं कि मैं नहीं मानता कि राष्ट्र धर्म के आधार पर बन सकता है। हिंदू राष्ट्र का मतलब क्या? इस्लामी राष्ट्र का मतलब क्या? कि जो हम आए दिन सुनते हैं भाषणों में कि हम हिंदुस्तान को मुस्लिम मुक्त बनाएंगे। कई लोग तो तारीख तक बता देते हैं। इस्लामी राष्ट्र का क्या मतलब था कि पाकिस्तान हिंदू मुक्त होगा। जो ख्वाब जिन्ना का 1947 में बंटवारे के वक्त पूरा नहीं हो पाया कि पाकिस्तान हिंदू मुक्त हो और भारत मुस्लिम मुक्त हो, एनआरसी और सीएबी आने के बाद हमारी सरकार जिन्ना का ख्वाब पूरा करना करने जा रही है।

जद(यू) सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि इस बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। विपक्ष की ओर से डराया जा रहा है। इस बिल में संविधान का उल्लंघन नहीं हुआ है, ना ही अनुच्छेद 14 का उल्लंघन हुआ है। जदयू ने राज्यसभा में इस विधेयक का समर्थन किया है। जदयू सांसद ने कहा कि हमारा देश रिपब्लिक है, यहां के नागरिकों को समान अधिकार है। हमारे देश में सीजेआई, राष्ट्रपति भी अल्पसंख्यक समाज से हुए हैं लेकिन क्या पड़ोसी मुल्क में ऐसा हुआ क्या। यहां एनआरसी की बात हो रही है लेकिन C के आगे D भी होता है, हमारे लिए D का मतलब डेवलेपमेंट है। यह बिल सबको समान अधिकार देने के लिए है।

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