नवी मुंबई: लक्ष्य की मुंबई टीम व मेत्ता बुद्धिस्ट महिला संस्था ने बहुजन जनजागरण अभियान के तहत एक भीमचर्चा का आयोजन नवी मुंबई के नेरुल में स्थित केंद्रीय विहार में किया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप लखनऊ से आई लक्ष्य कमांडर रेखा आर्या थी |

उन्होने उपस्थित समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, सामाजिक व्यवस्था परिवर्तन के लिए बहुजन समाज की महिलाओं को आगे आना होगा | महिला सामाजिक परिवर्तन में अहम् भूमिका निभा सकती है क्योकि महिला माँ के रूप में बच्चों की प्रथम शिक्षिका होती है और वह जैसी शिक्षा अपने बच्चों को देती है वैसे ही समाज की संरचना होती है अगर वह वैज्ञानिक सोच की है तो परिवार में अंधविश्वास नहीं होगा और जहाँ अंधविश्वास नहीं होगा वहां कर्म ही प्रधान होगा और ऐसा परिवार खुशाल होगा। यह बात लक्ष्य कमांडर रेखा आर्या, लक्ष्य कमांडर सुनिता बोरकर, संजना जगताप, सुवर्णा काबंले, मालती मोरे व लक्ष्य कमांडर वनीता तलेकर ने कही |

उन्होंने कहा कि इसके विपरीत जो महिलाऐं अंधविश्वास में जकड़ी होती है तो उनका परिवार भी कर्म के बजाये भाग्य व भगवान पर ज्यादा भरोसा करता है तथा अपनी स्थिति को ही अपना भाग्य समझ लेता है तथा अपनी दुर्दशा के कारणों को जानने का प्रयास नहीं करता है | यही स्थिति बहुजन समाज की है | बहुजन समाज को अंधविश्वास से निकलकर वैज्ञानिक सोच की ओर कदम बढ़ाना होगा और इसमें महिलाऐं अहम् भूमिका निभा सकती है |

लक्ष्य कमांडर सुजाता गवई व मंदा चक्रनारायण, लक्ष्य जयश्री हजारे ने भारत में जातिवाद व संविधान पर विस्तार से चर्चा की और बहुजन समाज के लोगों से कहा कि आप संगठित होकर ही अपने अधिकार प्राप्त कर सकते हो |

लक्ष्य कमांडर अनीता सोनावणे, लक्ष्य कमांडर त्रिवेणी कुसरे व लक्ष्य कमांडर मंदाकिनी गणविर ने बहुजन समाज की महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि आओ मिलकर बहुजन समाज को सामाजिक कुरीतियों तथा धार्मिक अंधविश्वास के दलदल से बाहर निकाले और सामाजिक क्रांति को मजबूत बनाये | कार्यक्रम के संचालन की कमान संभाली लक्ष्य कमांडर सुनीता बोरकर ने |

इस भीमचर्चा में लक्ष्य कमांडर करुणा राऊत, रीना वर्के व शारदा जाधव ने भी सम्बोधन किया |