नई दिल्ली: लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस विधेयक पर ऐतराज जताते हुए इसकी कॉपी को फाड़ कर फेंक दिया. बिल को फाड़ते हुए ओवैसी ने कहा कि ये एक और विभाजन होने जा रहा है. यह बिल भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वाला है. मैं बिल को फाड़ता हूं, जो हमारे देश को विभाजित करने का प्रयास करता है. हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने इस बिल को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी बताया.
इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक लाने का मकसद हिन्दुस्तान को एक धर्म आधारित देश बनाना है. उन्होंने कहा था कि हिन्दुस्तान और इस्राइल में अब कोई फर्क नहीं रहेगा. संविधान में मजहब के आधार पर सिटिजनशिप की कोई बात ही नहीं है. उन्होंने सवाल पूछा कि कोई नास्तिक होगा तो क्या करेंगे आप? इस तरह का कानून बनाने के बाद पूरी दुनिया में हमारा मजाक बनेगा. बीजेपी सरकार हिन्दुस्तान के मुसलमानों को संदेश देना चाहती है कि आप अव्वल दर्जे के शहरी नहीं हैं बल्कि दूसरे दर्जे के शहरी हैं.
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