नई दिल्ली: केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्रीय और राज्य सरकार ने देश भर में 1023 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का प्रस्ताव दिया है।

इन 1023 में से, 400 पर आम सहमति बन गई है और 160 से अधिक पहले ही चालू हो गए हैं। केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने देश में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा गठित करने की आवश्यकता पर शनिवार को जोर दिया।

वह यहां राजस्थान उच्च न्यायालय के नये भवन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘अखिल भारतीय न्यायिक सेवा का समय आ गया है। हमारे पास राष्ट्रीय लॉ स्कूल हैं जहां से बच्चें पढ़ लिखकर बाहर आ रहे हैं।

विचार यही है कि सर्वोच्च न्यायालय की समग्र निगरानी में संघ लोक सेवा आयोग एक समुचित अखिल भारतीय न्यायिक सेवा परीक्षा आयोजित करे।’’ इसके साथ ही प्रसाद ने कहा कि अधीनस्थ न्यायपालिका में और अधिक प्रतिभाओं को आकर्षित करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और देश के प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे भी मौजूद थे।

केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि देश की महिलाएं पीड़ा और तनाव में हैं तथा न्याय की गुहार लगा रही हैं जिसे ध्यान में रखते हुए अदालतों में मामलों के तेजी से निपटारे पर निगरानी की कोई व्यवस्था बनाना बहुत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ‘‘देश की महिलाएं तनाव और दबाव में हैं। वे न्याय की गुहार लगा रही हैं। जघन्य तथा अन्य अपराधों के लिए हमारे यहां 704 फास्ट ट्रैक अदालतें पहले ही हैं तथा हम पोक्सो और बलात्कार से जुड़े अपराधों के लिए 1023 विशेष फास्ट ट्रैक अदालत स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं।’’

वह जोधपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय के नए भवन के उद्घाटन के समारोह में बोल रहे थे। प्रसाद ने कहा, ‘‘मैं प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) और अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों से आग्रह करूंगा कि अब इन मामलों के निपटारे पर निगरानी के लिए कोई तंत्र होना चाहिए ताकि विधि शासित गर्वित देश के रूप में भारत के कद को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके।’’ उन्होंने इसके लिए सरकार की ओर से पर्याप्त धन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।