लखनऊ: टाटा ट्रस्ट्स, सिस्को के सहयोग से उत्तर प्रदेश और बिहार के 16 जिलों में प्रोग्राम सक्षम लागू करेगा। इस प्रोग्राम का उद्देश्य उक्त जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में 3,500 महिला उद्यमियों को तैयार करना है। यह प्रोग्राम उद्यमिता के दो प्रमुख कारकों के समाधान हेतु है – पहला, अवसर की सुलभता और दूसरा, मूलभूत उद्यमिता कौशल (बेसिक एंट्रेप्रिन्योरशिप स्किल्स) प्राप्त करने की सुविधा। इस प्रोग्राम का लक्ष्य नैनो एंटरप्राइजेज की स्थापना करने में महिलाओं की सहायता करना है, जिससे उन्हें आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।

यह प्रोग्राम संभावित महिला उद्यमियों की पहचान के साथ शुरू होगा और इसमें उद्यम की स्थापना व उसे चलाने से जुड़ी मूलभूत जानकारियों के बारे में प्रशिक्षण दिया जायेगा। ट्रेनिंग माॅड्यूल्स के जरिए महिलाओं को ऐसी व्यावसायिक सोचों की पहचान करने में मदद मिलगी, जिनसे वो अपना कारोबार शुरू कर सकेंगी और उन्हें व्यवसाय शुरू करने में मदद मिलेगी।

प्रशिक्षण के क्रम में, चिन्हित महिलाओं को 5 दिनों तक प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस प्रशिक्षण में जमीनी स्तर पर मार्केट रिसर्च और आवश्यकता-कमी विश्लेषण के जरिए व्यावसायिक सोचों का समेकन तथा प्रमुख व्यावसायिक कौशलों का निर्माण शामिल होगा। फिर महिलाओं को उनका उद्यम स्थापित करने में उनका मार्गदर्शन किया जाता है। चिन्हित उद्यमियों को आरंभिक सहायता पूंजी भी दी जाती है, ताकि नैनो एंटरप्राइज बनाने के प्रति जागरूकता पैदा करने पर आने वाले खर्चों व इस तरह के अन्य खर्चों को पूरा करने में उन्हें सहायता मिल सके। टाटा ट्रस्ट्स की सहायता से फाउंडेशन फाॅर रूरल एंट्रेप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट (एफआरईएनडी) नामक एंटिटी की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक 100,000 महिलाओं के लिए आय के अवसरों का सृजन करना है। एफआरईएनडी, इस प्रोग्राम के क्रियान्वयन में सहायता प्रदान करेगा।

टाटा ट्रस्ट्स के हेड – स्ट्रेट्जी, रमन कल्याणकृष्णन ने कहा, ‘‘यह देखकर हार्दिक खुशी हो रही है कि महिला उद्यमियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालांकि, अभी भी काफी अंतर है, जिसे पूरा किया जाना आवश्यक है ताकि देश में महिला उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सके। इस सफर की निरंतरता सुनिश्चित करने हेतु दृढ़ आर्थिक आधार है और इसलिए, सिस्को के साथ हमारे इस सहयोग का उद्देश्य महिला उद्यमियों का उत्साह बढ़ाना, उन्हें सहायता प्रदान करना और उन्हें प्रोत्साहित करना है।’’

श्री हरिकृष्णन, मैनेजिंग डाइरेक्टर, पब्लिक अफेयर्स व स्ट्रेटजिक एंगेजमेंट्स, सिस्को इंडिया एवं सार्क ने कहा, ‘‘डिजिटल और उद्यमिता कौशल एक साथ मिलकर भारत को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में परिवर्तनकारी रूप से सहायक हो सकते हैं।