नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगई ने रविवार को कहा कि असम में नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) 'भविष्य के लिए आधार दस्तावेज' और 'शांतिपूर्ण वर्तमान के लिए एक महत्वपूर्ण पहल' था। उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी कोई अस्थाई दस्तावेज नहीं है ये भविष्य में मददगार होगा। सीजेआई ने ये बातें मृणाल तालुकदार की किताब Post-Colonial Assam के लॉन्च कार्यक्रम में कहीं।
उन्होंने कहा कि 19 लाख या 40 लाख से फर्क नहीं पड़ता लेकिन ये दस्तावेज भविष्य के लिए जरूरी है। गोगोई ने कहा कि NRC का आंतरिक मूल्य, मेरे विचार में, आपसी शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व है। प्रगतिशील समाजों को समावेशी माना जाता है। न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि एनआरसी पर राष्ट्रीय प्रवचन ने आर्मचेयर टिप्पणीकारों के उद्भव को देखा था जो एक विकृत तस्वीर पेश करते हैं।
उन्होंने एनआरसी को लेकर सोशल मीडिया पर उल्टा सीधा बोलने वालों को भी जमकर सुनाया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और इसके टूल्स का इस्तेमाल कई टिप्पणीकारों ने मुद्दे पर दोहरा बोलने के लिए किया है। उन्होंने एक लोकतांत्रिक संस्थान में एक अभियान चलाया।
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