वाशिंगटन: दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी और इस्लामिक स्टेट के सरगना अबु बकर अल-बगदादी की मौत के बारे में ट्रंप के दावों पर अमेरिकी मीडिया ने सवाल उठाये हैं .
बता दें कि 26 अक्टूबर की रात को अमेरिकी सेना ने बदगादी को मौत के घाट उतार दिया. ट्रंप इस ऑपरेशन को देख रहे थे. इसके अगले दिन ट्रंप ने दुनिया को बताया कि अमेरिका ने बगदादी को मार गिराया है. उन्होंने इस खास ऑपरेशन की जानकारी देते हुए कहा था कि मौत से ठीक पहले अपनी जान बचाने के लिए बगदादी रो रहा था, गिड़गिड़ा रहा था. उन्होंने ये भी कहा कि जिस वक्त बगदादी ने खुद को उड़ाया उनके साथ तीन बच्चे थे. अमेरिकी सेना ने दो दिन पहले इस ऑपरेशन का वीडियो और फोटोग्राफ जारी किया.
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अमेरिकी सेना के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उन्हें इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी शेयर करने की इजाजत नहीं है. लेकिन उन्होंने कहा कि ट्रंप के दावों को लेकर उनके पास कोई सबूत नहीं है. एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि वाहवाही लुटने के लिए ट्रंप ने लोगों को ऐसी कहानी बताई. उन्होंने ये भी कहा कि ट्रंप ऑपरेशन का जो वीडियो देख रहे थे उसमे ऑडियो भी नहीं था. व्हाइट हाउस ने भी अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है.
इस बीच जॉर्ज बुश के एडवाइज़र ने कहा है कि ट्रंप को लगातार झूठ बोलने की आदत है. वाशिगंटन पोस्ट ने दावा किया है कि राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप ने 13000 झूठे बयान दिए हैं. इस साल मार्च में समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक पोल कराया था जिसमें सिर्फ 19 फिसदी लोगों ने कहा था कि ट्रंप हमेशा सच बोलते हैं. जबकि 40 फिसदी लोगों ने कहा था कि वो कभी-कभी सच बोलते हैं. इसके अलावा 41 फीसदी लोगों ने माना था कि ट्रंप कभी भी सच नहीं बोलते हैं. अमेरिकी मीडिया की माने तो राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रप लोकप्रियता बटोरने के लिए ऐसे झूठे बयान दे रहे हैं.
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