नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दावा किया कि प्रदेश को बेहतर तरीके से समझने के लिए पद ग्रहण करने के बाद से वो अभी तक एक हजार किताबें पढ़ चुके हैं। आनंद बाजार पत्रिका ने अपनी एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया है। धनखड़ करीब तीन महीने पहले प्रदेश के राज्यपाल बने हैं। राज्यपाल के दावे का औसत निकाले तो उन्होंने प्रतिदिन 11 किताबें पढ़ीं, वो भी बिना नींद लिए, मतलब हर दो घंटे और कुछ मिनटों में औसतन एक किताब पढ़ी गई।

उत्तरी कोलकाता में ऐतिहासिक शोवाबाजार पैलेस में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में में राज्यपाल ने कहा, ‘अभी यहां आए हुए मुझे तीन महीने ही हुए हैं। इस दौरान मैंने एक हजार से ज्यादा किताबें पढ़ डालीं।’ अपने भाषण के बाद धनखड़ ने बंगाल में सांस्कृतिक, शैक्षिक, साहित्यिक और बौद्धिक विरासत और इसके निरंतर अभ्यास पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, ‘शिक्षा, संस्कृति और प्रतिभा में भारत दुनिया में सबसे अच्छा है और पश्चिम बंगाल भारत में सबसे अच्छा है।’

राज्यपाल ने आगे कहा, ‘मैंने निजी तौर पर बंगाल के लोगों के साथ घुलना-मिलना चाहता हूं। मैं बंगाल की साहित्यिक दुनिया और सांस्कृति के बारे में जानना चाहता हूं। प्रोटोकॉल अक्सर रास्ते में आता है। मैं प्रोटोकॉल का आदमी नहीं हूं। मैं एक आम नागरिक हूं, लेकिन फिर भी, मुझे प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।’

बता दें कि पश्चिम बंगाल कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि वह ‘मिलनसार’ और ‘लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले’ नेता हैं। इस दौरान कांग्रेसी नेताओं ने कुछ लोगों द्वारा राजनीतिक आधार पर प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख को निशाना बनाए जाने की भी आलोचना की। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य और राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष अब्दुल मन्नान ने राज्यपाल की तारीफ की।