नई दिल्ली: कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात की एक अदालत ने हत्याकांड की साजिश रचने के आरोपी और सूरत से गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड में भेजा है। आरोपियों की ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस हत्या के सिलसिल में उनसे कई अहम राज उगलवा सकती है।
सीआरपीसी की धारा 72 के अनुसार, यदि किसी दूसरे राज्य की पुलिस किसी आरोपी/अपराधी को गिरफ्तार करती है तो उसे उसकी स्थानीय अदालत में 24 घंटे अंदर पेश करना होता है। स्थानीय अदालत से प्रत्यर्पण की अनुमति लेकर ही दूसरे राज्य की पुलिस उसे अपने क्षेत्र में ले जाती है। प्रत्यर्पण की इस अनुमति को ही ट्रांजिट रिमांड कहते हैं। चूंकि आरोपी गुजरात के सूरत जिले के रहने वाले हैं ऐसे में उत्तर प्रदेश पुलिस को गुजरात की स्थानीय अदालत से आरोपी से पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड लेनी पड़ी।
इधर पुलिस हत्या के मुख्य आरोपियों की तालाश में जुटी है। पुलिस को आज लखनऊ के जिस होटल मे आरोपी ठहरे थे वहां से हत्या से जुड़े कई सबूत बरामद हुए। पुलिस ने होटल का कमरा सील कर दिया है और वहां खून से सने दो भगवा रंग के कुर्त और खून लगा एक चाकू बरामद किया है। अलावा शेविंग क्रीम, ब्लेड समेत कई और चीजें भी मिली। होटल में दोनों युवकों ने आईडी के तौर पर अपना आधार कार्ड दिया था। आधार कार्ड से हत्यारों की पहचान सूरत निवासी शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद के रूप में हुई। हत्यारे सूरत से लखनऊ आने के बाद लालबाग के होटल 'खालसा इन' में रुके थे।
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