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पहलू खान मॉब लिंचिंग मामला: राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट में दायर की अपील

नई दिल्ली: पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में अलवर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट द्वारा 6 आरोपियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दायर की है। ये अपील राजस्थान सरकार के साथ-साथ पहलू खान के परिवार के सदस्यों की ओर से भी की गई है। फिलहाल अपील में दो बिंदुओ पर डिफेक्ट के चलते दीवाली अवकाश के बाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

अतिरिक्त महाधिवक्ता मेजर आरपी सिंह के अनुसार, राज्य सरकार ने 14 अक्टूबर को राजस्थान उच्च न्यायालय में मामले को चुनौती देने वाली अपील दायर की। इस केस में सभी छह बालिग आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने के बाद राज्य सरकार ने इस पर एसआईटी गठित की थी। एसआईटी ने सितंबर में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।

बता दें कि इस मामले की पुलिस द्वारा चार्जशीट पेश होने के बाद लगातार सुनवाई हुई। पहलू खान के बेटों सहित 47 गवाहों के बयान कोर्ट में कराए गए। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सरिता स्वामी ने इस केस पर फैसला सुनाते हुए सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।

अलवर जिले के चर्चित मॉब लिंचिंग पहलू खान हत्याकांड मामले में 14 अगस्त को अलवर की एडीजे कोर्ट ने केस के सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया है। 1 अप्रैल 2017 को हुए इस मामले में भीड़ ने गो-तस्करी के शक में पहलू खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। पहलू खान की मारपीट का वीडियो भी वायरल हुआ था, लेकिन अलवर कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।

राजस्थान सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कही थी, जिसके बाद सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट में अपील पेश कर दी है। इसके साथ ही पहलूखान के बेटों की ओर से भी हाईकोर्ट में अपील दायर की गई है।

पहलू खान के बेटे इरशाद और आरिफ के साथ-साथ घटना में घायल हुए अजमत और रफीक की ओर से हाईकोर्ट में एडवोकेट के जरिए अपील पेश की गई है। अपील में अलवर एडीजे कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के साथ ही बरी हुए सभी आरोपियों को अपील की सुनवाई होने तक जेल में रखने की गुहार लगाई है। अपील में कहा गया है कि नीचली अदालत द्वारा दिया गया फैसला गलत है और उसने सबूतों की अनदेखी की है। अपील में पहलूखान के परिजनों की ओर से सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है।

पहलू खान केस को लेकर राज्य सरकार की बड़ी किरकिरी हुई थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगातार इस मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कही थी। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आर पी सिंह इस मामले में विशेष अधिवक्ता नियुक्त किया गया है। बाताया जा रहा है कि दीपावली अवकाश के बाद इस अपील पर सुनवाई होगी।

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