नई दिल्लीः डीसीएम श्रीराम लिमिटेड की 4 शुगर युनिट्स के कैचमेन्ट क्षेत्र में हरदोई और लखीमपुर ज़िलों के 20 चुनिंदा गांवों में किसानों की आय बढ़ाने के लिए इण्डियन इन्सटीट्यूट आॅफ शुगरकेन रीसर्च, लखनऊ तथा डीसीएम श्रीराम लिमिटेड केे बीच 27 सितम्बर 2019 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन की अवधि पांच साल होगी। साल 2017 में आईआईएसआर के किए समझौता ज्ञापन को जारी रखते हुए यह समझौता किया गया है, जिसके बाद 8 गांवों में परियोजना को अंजाम दिया गया और इसके परिणाम बहुत अच्छे रहे हैं। अब इसी माॅडल को 20 गांवों में अपनाया जा रहा है। इस पहल से किसानों की उत्पादकता बढ़ेगी, साथ ही अन्य संबंद्ध उद्योगों जैसे डेयरी फार्मिंग को भी बढ़ावा मिलेगा, जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय बढ़ेगी। डाॅ एडी पाठक (डायरेक्टर, आईआईएसआर, लखनऊ) ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए गन्ने की खेती, इंटरक्राॅपिंग एवं मशीनीकरण की लागत में कटौती पर ज़ोर दिया। इसके अलावा आईआईएसआर विभिन्न कृषि प्रथाओं एवं जल संरक्षण उपायों के परिणामस्वरूप हर साल पानी की कुल बचत का मूल्यांकन भी करेगी। पिछलेे तीन सालों के दौरान डीसीएम श्रीराम फैक्टरियों के कैचमेन्ट क्षेत्र में 275 बिलियन लीटर पानी की बचत की गई है। आईआईएसआर शून्य बजट फार्मिंग के लिए तकनीकों को भी प्रोत्साहित करेगी। श्री रोशन लाल तामक (एक्ज़क्टिव डायरेक्टर एवं सीईओ- चीनी कारोबार, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड) ने आईआईएसआर के प्रति आभार व्यक्त किया, जिसने पिछले तीन सालों के दौरान नाॅलेेज पार्टनर केरूप में इस संदर्भ में काम किया है। उन्होंने मिट्टी के गिरते स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की और जल संरक्षण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। इस समस्या के समाधान के लिए डीसीएम श्रीराम कई पहलों पर व्यापक रूप से काम करेगा जैसे ट्राश मल्चिंग, लेज़र लेवलिंग, फरो इरीगेशन, ड्रिप इरीगेशन और कम्पोस्टिंग। इन पहलों का संचालन डीएसएम श्रीराम द्वारा परियोजना मीठा सोना के तत्वावधान पर प्रोजेक्ट मोड में किया जा रहा है। आने वाले समय में भी हम गन्ना किसानों की उत्पादकता और मुनाफ़ा बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखेंगे। डीसीएम श्रीराम की 4 शुगर युनिट्स के युनिट हैड श्री राजा श्रीवास्तव, कोरपोरेट कैन हैड तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद थे।