बेंगलुरु: बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में रविवार को तीन टी20 मैचों की सीरीज के आखिरी मुकाबले में कप्तान क्विंटन डि कॉक की शानदार नाबाद अर्द्धशतकीय पारी और गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 9 विकेट से हरा दिया. जीत के लिए मिले अपेक्षाकृत आसान 135 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मेहमान ओपनरों कप्तान क्विंटन डि कॉक और आर. हेंड्रिक्स ने अपनी टीम के लिए दस ओवरों में ही 76 रन जोड़कर ठोस शुरुआत दे कर जीत का आधार तय कर दिया.

हार्दिक पंड्या ने हेंड्रिक्स को पवेलियन भेजकर एक विकेट दिलाया जरूर, लेकिन वक्त गुजरता गया, तो डि कॉक के तेवर और कड़े होते गए. टेंबा बैवुमा ने दूसरे छोर पर डि कॉक का अच्छा साथ निभाया. और इससे दक्षिण अफ्रीका ने 16.5 ओवरों में 1 विकेट खोकर ही जीत का लक्ष्य हासिल कर लिया. इसी के साथ ही मेहमानों ने तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर कर ली. धर्मशाला का पहला मुकाबला बारिश के चलते धुल गया था. बेउरैन हेंड्रिक्स को मैन ऑफ द मैच और कप्तान क्विंटन डि कॉक को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया.

शुरुआती छह ओवरों की बात करें, तो विराट के मिश्रित अटैक ने क्विंटन डि कॉक और आर. हेंड्रिक्स् को खुलने नहीं दिया. खासकर सीमर दीपक चाहर की बेतरीन स्विंग के आगे दोनों ओपनर बेबस दिखाई दिए, तो वॉशिंगटन सुंदर ने भी दिखाया कि उम्र उनकी भेल ही कम हो, लेकिन उनमें जिगरा भी है और परिपक्वता भी. चार ओवर के बाद दक्षिण अफ्रीका का स्कोर बिना किसी नुकसान के 18 रन था, लेकिन पांचवें ओवर से कहानी बदल गई. नवदीप सैनी बॉलिंग के लिए आए, तो उन्होंने वैसी ही गेंदबाजी की, जिसे क्विंटन डि कॉक पसंद करते हैं. लेग साइड पर डि कॉक ने दो छक्के भांजे और इस ओवर में बटोर लिए 14 रन. इसी ओवर का अंतर रहा कि दक्षिण अफ्रीका पावर-प्ले खत्म होने के बाद एकदम से 43 पर पहुंच गया. इसमें डि कॉक का योगदान था 28 रन का, तो हेंड्रिक्स 12 पर थे.

इससे पहले दक्षिण अफ्रीका खिलाफ तीसरे टी20 मुकाबले में भारत ने बल्लेबाजी करते हुए वैसा प्रदर्शन नहीं किया, जिसकी उम्मीद थी. टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए बेहतर शुरुआत के बावजूद टीम इंडिया वह स्कोर हासिल नहीं कर सकी, जिसकी उम्मीद की जा रही थी. दक्षिण अफ्रीका ने उसे कोटे के 20 ओवरों में 9 विकेट पर 134 रन पर रोक दिया. यह सही है कि रोहित का विकेट जल्द ही गिर गया था, लेकिन उसके बाद धवन ने पावर-प्ले में स्कोर को गति प्रदान कर दी थी, लेकिन वास्तव में ये फोर्टुइन और हेंड्रिक्स थे, जिन्होंने नियमित अंतराल पर झटके देकर भारत को बैकफुट पर धकेल दिया.

पहले पारी के 13वें ओवर में लेफ्ट-आर्म स्पिनर फोर्टुइन ने लगातार गेंदों पर पंत और श्रेयस अय्यर को चलता किया. इसी के साथ ही यहां से रन गति कुंद पड़ गई, तो विकेट भी नियमित अंतराल पर गिरते रहे. क्रुणाल पंड्या सस्ते में आउट हुए, तो कैगिसो रबाडा ने पारी के आखिरी 20वें ओवर में मानो इस कुंद गति पर एक जोरदार पंच जड़ने का काम किया, जब इस ओवर में भारत ने तीन विकेट गंवा दिए.और इसके लिए जिम्मेदार रही दक्षिण अफ्रीकी बॉलरों खासकर सीमरों की टॉप क्लास बॉलिंग.फील्डिरों ने भी अच्छा योगदान दिया. नतीजा यह रहा कि एक समय एक सौ साठ रन से ज्यादा रन बनाता दिख रहा भारत 9 विकेट पर 134 रन ही बना सका.

तीसरे ओवर में रोहित के विदा होने के बाद यह लगा था कि भारत पावर-प्ले (शुरुआती 6 ओवरों) का फायदा कहीं कुंद न पड़ जाए, या धीमा न पड़ जाए. प्रशंसक चिंतित थे. विराट एकदम नए थे और उन्हें जमने में समय लगता ही है!! धवन भली भांति इससे परिचित हैं और यही वजह रही कि जिम्मदेारी उन्होंने अपने कंधों पर ले ली.

टॉस जीतकर पहल बल्ला थामने के भारत दोनों भारतीय ओवनरों रोहित और धवन ने फोर्टुइन के पहले ओवर में थोड़ा सतर्क रवैया अपनाया, लेकिन दूसरा ओवर लेकर कैगिसा रबाडा लेकर आए, तो रोहित ने सुर छेड़ दिया. लगातार दो चौके जड़कर!! तीसरी गेंद ऑफ स्टंप के बाहर मिली, तो रोहित ने हाथ कोल दिए. अगली गेंद रबाडा की हॉफ वॉली थी, तो एक और चौका रोहित ने बटोर लिया. दक्षिण अफ्रीकी कप्तान क्विटंन डि कॉक ने रणनीति बदली. और तीसरा ओवर थमा दिया लेफ्टी हेंड्रिक्स को. और दूसरी एंगलिंग द बॉल रोहित के लिए सिर दर्द साबित हुई. पड़ने के बाद अच्छा उछाल, रोहित थोड़ा खुल गए, और गेंद बल्ले का किनारा लेती हुई स्लिप में आर हेंड्रिक्स के हाथों में जा समाई. बी. हेंड्रिक्स की गेंद. और आर. हेंड्रिक्स का कैच. इसी के साथ ही शुरुआत बिगड़ गई टीम इंडिया की