नई दिल्ली: चंद्रमा पर रात होने से पहले विक्रम लैंडर की एक और झलक देखने की करोड़ों भारतीयों की उम्मीदें धाराशाई हो गई। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने कहा है कि उसके ऑर्बिटर पर लगे कैमरे में विक्रम दिखाई नहीं दिया है। गौरतलब है कि नासा का लूनर रेजोनेंस ऑर्बिटर मंगलवार को विक्रम की लैंडिंग साइट के ऊपर से गुजरा था।

एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक नासा के पब्लिक अफेयर्स ऑफिसर जोशुआ ए हंडल ने बताया, 'नासा के ऑर्बिटर ने विक्रम की लैंडिंग साइट की तस्वीरें ली हैं लेकिन लैंडर की लोकेशन का ठीक पता नहीं था इसलिए कैमरे के फील्ड ऑफ व्यू में विक्रम नजर नहीं आ रहा है।'

हंडल ने बताया, '17 सितंबर को जब एलआरओ विक्रम लैंडर की साइट से गुजरा उस वक्त चंद्रमा पर शाम हो रही थी। अधिकांश जगह को लंबी-लंबी परछाइयों ने ढक लिया था। हो सकता है कि विक्रम भी परछाई में छिप गया हो।'

सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरने से ठीक पहले लैंडर विक्रम का संपर्क ग्राउंट स्टेशन से टूट गया था। दोबारा संपर्क स्थापित करने की तमाम उम्मीदें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा पर जाकर टिक हुई थी जो अब धाराशाई होती प्रतीत होती हैं।

हंडल ने कहा, 'नासा का ऑर्बिटर विक्रम की लैंडिंग साइट से अब 14 अक्टूबर को गुजरेगा। उस वक्त चांद पर दोपहर रहेगी इसलिए प्रकाश अच्छा होने से विक्रम की तस्वीर मिल सकती है।'

रोवर केवल एक चंद्रमा दिवस के लिए प्रयोग करने वाला था। एक चंद्रमा दिवस पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। 21 सितंबर को चांद पर रात हो जाएगी और चंद्रयान-2 मिशन के पूरा होने की उम्मीदें खत्म हो जाएंगी।