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बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कल्याण सिंह पर मांगी सीबीआई से रिपोर्ट

नई दिल्ली: राजस्थान के राज्यपाल पद का कार्यकाल पूरा करने के बाद अब कल्याण सिंह मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। विवादित बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को समन जारी करने लिए सीबीआई ने कोर्ट का रुख किया था, जिसके बाद बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई से कल्याण सिंह की गवर्नरशिप पर रिपोर्ट देने को कहा है।

दरअसल, सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को अयोध्या मामले में तलब करने के लिए स्पेशल जज अयोध्या प्रकरण सीबीआई कोर्ट लखनऊ की अदालत में आवेदन दिया था। अब सीबीआई के आवेदन पर 11 सितंबर यानी आज सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने सीबीआई से कल्याण सिंह की गवर्नरशिप पर रिपोर्ट मांगी। इलाहाबाद कोर्ट ने बुधवार को सीबीआई से कहा कि भाजपा नेता कल्याण सिंह अब राजस्थान के राज्यपाल नहीं हैं, तो इस पर रिपोर्ट दें।

विशेष न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार यादव द्वारा यह आदेश तब आया जब जांच एजेंसी ने अदालत में एक अर्जी दाखिल कर सिंह पर बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में मुकदमा चलाने के लिए कहा, राजस्थान के राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने के हफ्तों बाद कल्याण सिंह सोमवार को फिर से सक्रिय राजनीति में उतर गए। लखनऊ में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कल्याण सिंह ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि अब वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि बहुत से चुनाव लड़े हैं अब वे कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने मंगलवार को लखनऊ में कहा था कि बाबरी मस्जिद को गिराए जाने की घटना किसी षडयंत्र का हिस्सा नहीं, बल्कि सदियों से करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को दबाए जाने का परिणाम था।

गौरतलब है कि बाबरी विध्वंस के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, महंत नृत्य गोपालदास, साध्वी ऋतंभरा जमानत पर हैं।

राज्यपाल के पद पर रहने के कारण 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह को मुकदमे का सामना करने के लिए बतौर आरोपी बुलाया नहीं जा सकता था। संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपालों को संवैधानिक छूट मिली हुई है।

कल्याण सिंह भी राज्यपाल रहते हुए इसी छूट के दायरे में थे। बतौर राज्यपाल, कार्यकाल पूरा करने के बाद कल्याण सिंह ने सोमवार को फिर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता ग्रहण कर ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने 87 वर्ष की उम्र में फिर से सक्रिय राजनीति में वापसी की है।

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