लखनऊ: अतिक्रमण की जंजाल में उलझा अमीनाबाद बाजार के लिये अतिक्रमण एक लाइलाज बीमारी की तरह हो गयी है। जहां पहले से ही अतिक्रमण के चलते यहां आमलोगों को पैदल चलना दुर्भर है, वहीं एक बार फिर पुलिस विभाग इस प्रमुख बाजार में एक नयी मुसीबत खड़ी करने जा रहा है। यह मुसीबत कुछ और नहीं बल्कि अमीनाबाद के प्रमुख नजीराबाद चौराहा के बीचों बीच सहायता केन्द्र के नाम पर काफी बड़ा पक्का निर्माण किया जा रहा है। जबकि मजे की बात यह है कि हो रहे इस पुलिस सहायता केन्द्र से लगभग डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर अमीनाबाद कोतवाली और पोस्टआफिस के सामने पुलिस चौकी स्थापित है। पुलिस का मामला देखकर नगर निगम का प्रशासन और यहां का व्यापारी चुप्पी साधे हुये है, मगर उनकी पीड़ा साफ झलक रही है, उनका कहना है कि पुलिस सहायता केन्द्र का पक्का निर्माण होने से अतिक्रमणकारियों को और बल मिलेगा और बड़ी गाड़ियों का आना जाना मुष्किलभरा हो जायेगा। जिसका जीता जागता उदाहरण अमीनाबाद पोस्टआफिस के सामने व बिजली घर के बगल में सड़क पर ही चौकी का पक्का निर्माण है। इस चौकी के बनने से एक तरफ का रास्ता लगभग पूरी तरह न सिर्फ बंद है बल्कि उसके बिजली घर वालों ने उसके पीछे सड़क का हिस्सा घेर कर गो डाउन बना लिया और अतिक्रमण को बढ़ावा मिल गया। अमीनाबाद बाजार में आने वालों का कहना था कि एक तरफ सरकार लखनऊ को स्मॉर्ट सिटी बनाने का ख्वाब देख रही है, लेकिन उसी के अधीनस्थ पुलिस और अन्य सरकार विभाग की कोई ठोस रणनीति न होने से खुद ही अतिक्रमण कर अमीनाबाद बाजार की सूरत को बिगाड़ने का काम कर रही है। यहां के कई व्यापारियों का कहना था कि इस पुलिस सहायता केन्द्र के पक्के निर्माण से समस्या का कोई हल नहीं होने वाला है बल्कि यातायात व्यवस्था को लेकर एक नई मुसीबत पैदा होगी। नगर प्रषासन को चाहिए कि वह पुलिस विभाग से तालमेल स्थापित कर सही रणनीति के साथ काम करे तो ज्यादा बेहतर होगा।