नई दिल्ली: 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया. 'विक्रम' ने 'रफ ब्रेकिंग' और 'फाइन ब्रेकिंग' चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन 'सॉफ्ट लैंडिंग' से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया. इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं.

चंद्रमा की सतह पर उतरते समय लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट जाने के कुछ मिनट बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अंतरिक्ष एजेंसी को शानदार कार्य के लिए बधाई थी और कहा कि यह प्रत्येक भारतीय के लिए एक प्रेरणा है. राहुल ने ट्वीट किया, "इसरो की टीम को चंद्रयान-2 मून मिशन पर शानदार काम के लिए बधाई. आपका जुनून और समर्पण प्रत्येक भारतीय के लिए एक प्रेरणा है." विक्रम को चंद्रमा की सतह के करीब तक पहुंचाने में इसरो की टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए राहुल ने कहा, "आपका का काम बेकार नहीं जाएगा. इसने कई बेजोड़ और महत्वाकांक्षी भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की बुनियाद रखी है."