पूर्व प्रधानमंत्री ने आर्थिक हालात पर चिंता जताते हुए सरकार से प्रतिशोध की राजनीत त्यागने की अपील की

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता डॉ. मनमोहन सिंह ने देश में आर्थिक सुस्ती के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ने की क्षमता है लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन से हम आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहे हैं। मनमोहन सिंह ने कहा, 'मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह प्रतिशोध की राजनीत को त्याग कर मानव निर्मित संकट से अर्थव्यवस्था को निकालने के लिए सुधी जनों की आवाज सुने'

डॉ. सिह ने कहा, 'मोदी सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप व्यापक पैमाने पर रोजगार विहीन विकास हो रहा है। आर्थिक हालात गंभीर रूप से चिंताजनक हैं। पिछली तिमाही में 5 फीसदी की जीडीपी वृद्धि दर दर्शाती है कि हम लंबे समय तक बने रहने वाली आर्थिक नरमी के दौर में हैं।'

आर्थिक हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा, ' अर्थव्यवस्था कीहालत काफी चिंताजनक है। पिछली तिमाही में विकास दर 5% यह बताता है कि इकॉनमी में मंदी चल रही है। नोटबंदी जैसे ब्लंडर और जल्दबाजी में लागू किए गए जीएसटी की वजह से हमारी इकॉनमी को जो नुकसान हुआ है, उससे हम अभी उबर नहीं पाए हैं।'

मनमोहन सिंह ने सरकार पर जमकर हमला करते हुए कहा, 'पिछली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट के के जो आंकड़े आए हैं वो चिंताजनक हैं। यह सब सरकार के कुप्रबंधन की वजह से हुआ है। टैक्स का आतंकवाद अभी भी जारी है। मोदी सरकार की नितियों की वजह से नौकरियां मिलने की बजाय जा रही हैं। ऑटो सेक्टर में लाखों नौकरियां गई हैं। ग्रामीण भारत में हालात और भी खराब हैं। हमारे किसानों को सही कीमतें नहीं मिल रही हैं। ग्रामीण आय भी घट रही है। संवैधानिक संस्थानों पर आक्रमण हो रहा है और उनकी स्वायत्तता खत्म की जा रही है। इसके अलावा बजट में सरकार की घोषणाओं और फिर कदम पीछे खींचने से अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों में अविश्वास पैदा हुआ है।'