श्रेणियाँ: देश

जस्टिस राकेश कुमार अपने फैसले पर अडिग, कहा- वही किया जो सही लगा

बिहार: पटना हाईकोर्ट के जज जस्टिस राकेश कुमार ने बुधवार को अपने सीनियर और मातहतों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए थे, जिसके बाद गुरुवार को कोर्ट के 11 सदस्यों की बेंच ने जस्टिस राकेश कुमार के फैसले को ख़ारिज कर दिया. इस मामले पर जस्टिस राकेश कुमार ने कहा, 'मैं अपने फैसले पर अडिग हूं और मैंने वही किया जो मुझे सही लगा. अगर चीफ जस्टिस न्यायिक कार्य से मुझे हटाकर खुश हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है.'

वहीं कोर्ट के 11 सदस्यों की बेंच ने कहा, 'पूरा फैसला जज की सोच के धर्मयुद्ध के नाम पर नेचुरल जस्टिस, न्यायिक अनुपयुक्तता,दुर्भावनापूर्ण निंदा के सिद्धान्तों का उल्लंघन है.' बेंच ने कहा, 'जज ने खुद को अपने अनुभवों का अकेला सलाहकार ठहरा दिया और बाकी जजों की राय भी नहीं जानी. जो सोच फैलाई गई, वह कुछ इस तरह है, जैसे जज ने जो कहा है..केवल वही सच है और बाकी की दुनिया समाज की कुरीतियों से बेखबर है.'

11 सदस्यों की बेंच ने कहा, '22वें पैराग्राफ के आदेश में उन्होंने(जज) अपने सहयोगी जजों के लिए तीखी टिप्पणी की जो भाग्यवश 1986 में लॉ कॉलेज से साथ में पास हुए थे. इस विवाद की कोई प्रासंगिकता नहीं है. इसके बाद उन्होंने कुछ जजों समेत चीफ जस्टिस के एसोसिएशन पर भी कमेंट किया.'

बता दें पटना हाईकोर्ट की बेंच ने अखबारों में प्रकाशित रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान में लेते हुए जस्टिस राकेश कुमार के फैसले को खारिज कर दिया था. जजों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि जस्टिस राकेश कुमार ने अपने न्यायिक अधिकार क्षेत्र को पार कर दिया है और उनकी अधिकांश टिप्पणियां अनचाही और अनुचित थीं.

हाईकोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज राकेश कुमार ने कहा था, 'लगता है कि हाईकोर्ट प्रशासन ही भ्रष्ट न्यायिक अधिकारियों को संरक्षण देता है.' उन्होंने ये सख़्त टिप्पणी पूर्व IPS अधिकारी रमैया के मामले की सुनवाई के दौरान की. इस दौरान उन्होंने ये सवाल भी उठाए कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से ज़मानत ख़ारिज होने के बाद निचली अदालत ने रमैया को बेल कैसे दे दी.

जज राकेश कुमार ने कहा था कि रमैया की अग्रिम जमानत की याचिका उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ख़ारिज कर दी गई थी, इन्होनें निचली अदालत से अपनी जमानत मैनेज की वो भी तब जब निगरानी विभाग के नियमित जज छुट्टी पर थे, उनके बदले जो जज प्रभार में थे उनसे जमानत ली गई. जस्टिस राकेश कुमार ने ये भी कहा कि जिस न्यायिक अधिकारी के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार का आरोप साबित हो चुका है उसे भी बर्खास्त करने के बजाय मामूली सज़ा देकर छोड़ दिया जाता है. स्टिंग में कोर्ट कर्मचारी घूस लेते पकड़े जाते हैं फिर भी उनपर कार्रवाई नहीं की जाती.

जस्टिस कुमार ने स्टिंग मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच CBI को सौंप दी थी. इस दौरान उन्होंने सरकारी बंगलों में हो रहे फ़िजूलखर्च का भी ज़िक्र किया था. उन्होंने कहा था कि जजों के सरकारी बंगलों में करदाताओं के करोड़ों रुपये साज-सज्जा पर खर्च कर दिए जाते हैं. जस्टिस राकेश कुमार ने अपने आदेश की प्रति सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम, पीएमओ, कानून मंत्रालय और CBI निदेशक को भी भेजने का आदेश कोर्ट में दिया था. बता दें कि जस्टिस राकेश चारा घोटाला केस में सीबीआई के वकील भी रह चुके हैं.

Share

हाल की खबर

बाराबंकी में ऑक्सीजन फैक्ट्री में ब्लास्ट 1 कर्मचारी की मौत

ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी । ऑक्सीजन प्लांट में ब्लास्ट हो गया। जिसमें की एक…

मई 13, 2024

राष्ट्रीय आय में मिले लोगों को हिस्सा- अखिलेन्द्र

भाजपा ने भारत गणराज्य की आर्थिक सम्प्रभुता को पहुंचाई क्षति, हारना जरूरीसमाज के मैत्रीभाव को…

मई 13, 2024

संविधान बदलने की बात करने वालों को बदलने जा रही है जनता: अखिलेश

बाराबंकी मे गठबंधन प्रत्याशी तनुज पुनिया के समर्थन में जनसभा का आयोजन। ब्यूरो चीफ फहीम…

मई 12, 2024

बहराइच में जेठ मेले का आगाज़ 30 मई से

02 जून को आएँगी ग़ाज़ी मियां की प्रतीकात्मक बारातें भारत नेपाल के सीमावर्ती जनपद उत्तरप्रदेश…

मई 12, 2024

UPSIFS लखनऊ के छात्रों ने IIT दिल्ली के बेलेस्टिक एन्ड आर्मर टेस्टिंग लैब में फोरेन्सिक की बारीकियों को सीखा

छात्रों को सीखने के अवसर और अन्वेषण कार्यो की जानकारी भी हासिल हो रही है…

मई 11, 2024

आज की राजनीति के संत हैं राहुल, इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस

2024 के आम चुनाव पर दुनिया भर की निगाहें लगी हुई है . इसके पीछे…

मई 11, 2024