नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा धारा 370 हटाए जाने के बाद अभी भी जम्मू-कश्मीर में तनाव बना हुआ है। जम्मू-कश्मीर के क्रिकेटर खेल से दूरी बनाए हुए हैं और ना ही उनके साथ कोई संपर्क हो पा रहा है। राज्य क्रिकेट संघ के कप्तान परवेज रसूल सहित अपने खिलाड़ियों से संपर्क करने में विफल रहने के बाद जम्मू-कश्मीर टीम को विशाखापत्तनम में विज्जी ट्रॉफी से बाहर होने के लिए मजबूर होना पड़ा। जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन ने टीम की यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर राज्यपाल सत्य पाल मलिक से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) के सीईओ साह बुखारी ने बताया, "इसकी संभावना नहीं है कि हम विज्जी ट्रॉफी खेलेंगे।" उन्होंने कहा, "स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन सबसे बड़ी बाधा हमारे खिलाड़ियों के साथ संपर्क ना हो पाना है। हमारे संघ कार्यालय में हमारे सभी खिलाड़ियों के सेलफोन नंबर हैं, लेकिन उन्होंने कोई लैंडलाइन नंबर नहीं दिया है। आज के समय में, लोग लैंडलाइन का उपयोग नहीं करते हैं और सेलफोन पर भरोसा करते हैं। हम कुछ खिलाड़ियों से बात करने में कामयाब रहे हैं, लेकिन जो खिलाड़ी घाटी में हैं हम उनसे संपर्क नहीं साध सके क्योंकि उनके मोबाइल फोन काम नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, हम नहीं जानते कि परवेज रसूल कहां हैं।"

अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के सरकार के फैसले के बाद राज्य पिछले कुछ हफ्तों से बंद है। इंटरनेट सेवा भी बंद है सीईओ ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने खिलाड़ियों के ठिकाने का पता लगाने के लिए कोई टीम नहीं भेजी, क्योंकि उन्हें उनके गांवों की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है। अगर हमने अपनी कार अपने खिलाड़ियों को खोजने के लिए भेजी भी, तो हमें नहीं पता कि उनके गांवों में क्या हो रहा है। हम वह जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। चूंकि यह सिर्फ एक स्थानीय टूर्नामेंट है और बीसीसीआई टूर्नामेंट नहीं है, हमने सोचा कि ऐसे हालातों में हमें इस सत्र में नहीं खेलना चाहिए। "