श्रेणियाँ: कारोबार

मंडी की आशंका से ऑटो सेक्टर में हाहाकार

अब हीरो मोटोकॉर्प ने चार दिनों के लिए बंद किये प्लांट

नई दिल्ली: सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था का असर अब दिखना शुरू हो गया है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टरों में ऑटो इंडस्ट्री है। हाल ही में खबर आई थी कि हरियाणा में कई कार प्लांट में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले लाखों कर्मचारियों की नौकरियां चली गई हैं। इसकी वजह डिमांड में कमी बताई गई थी। अब इसी वजह से देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने चार दिनों के लिए अपने प्लांट्स बंद किया है। कंपनी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।

कंपनी ने बीएसई को बताया कि उसके प्लांट 15 अगस्त से बंद हैं और ये 18 अगस्त तक बंद रहेंगे। उसने कहा कि सालाना अभ्यास तथा मौजूदा मांग के हिसाब से विनिर्माण का समायोजन करने के लिये ऐसा किया गया है। कंपनी ने कहा, ‘‘यह स्वतंत्रता दिवस, रक्षाबंधन और वीकेंड के कारण सालाना अवकाश का भी हिस्सा है लेकिन आंशिक तौर पर यह नरम पड़ती बाजार मांग का भी संकेत देता है।’’ बता दें कि गाड़ियों की मांग में नरमी के कारण विभिन्न वाहन निर्माता कंपनियां उत्पादन कम कर रही हैं।

उधर, टीवीएस ग्रुप के लिये कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी सुंदरम-क्लेटॉन लिमिटेड (एससीएल) ने शुक्रवार को कहा कि वाहन क्षेत्र में सुस्ती को देखते हुए वह तमिलनाडु के पाड़ी स्थित कारखाने का परिचालन दो दिन के लिये बंद करेगी। बता दें कि इस महीने बॉश लिमिटेड, टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जैसी कंपनियां भी मांग और उत्पादन में सामंजस्य बिठाने के लिए प्लांट कुछ दिनों के लिये बंद करने की घोषणा कर चुकी हैं।

एससीएल ने 16 अगस्त और 17 अगस्त को परिचालन बंद रखने का निर्णय लिया है। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘यह वाहन क्षेत्र में कारोबार के सुस्त पड़ने के कारण है।’’ उधर, मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा कि वाहन उद्योग में नरमी को देखते हुए अस्थायी कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट का नवीनीकरण नहीं किया गया है जबकि स्थायी कर्मचारियों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है।

भार्गव ने कुछ निजी टीवी चैनलों से बातचीत में कहा “यह कारोबार का हिस्सा है, जब मांग बढ़ती है तो कॉन्ट्रैक्ट पर ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की जाती है और जब मांग घटती है तो उनकी संख्या कम की जाती है।” उन्होंने कहा ” मारुति सुजुकी से जुड़े करीब 3,000 अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है।” भार्गव ने दोहराया कि वाहन क्षेत्र अर्थव्यवस्था में बिक्री, सेवा, बीमा, लाइसेंस, वित्तपोषण, चालक, पेट्रोल पंप, परिवहन से जुड़ी नौकरियां पैदा करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि कि वाहन बिक्री में थोड़ी सी गिरावट से नौकरियों पर बड़े पैमाने पर असर पड़ेगा।

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