श्रीनगर: हिरासत में चल रहे पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल को कश्मीर के श्रीनगर के सेंटौर होटल में एक अस्थायी हिरासत केंद्र में ले जाया गया है। अधिकारी ने बताया, उन्हें रात के समय घर से होटल में स्थानांतरित कर दिया गया। मंगलवार रात को दिल्ली हवाई अड्डे पर इस्तांबुल जाने के लिए उड़ान भरने से रोके जाने के बाद फैसल को वापस श्रीनगर ले जाया गया जहां उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था।

अधिकारियों ने बताया, 'प्रारंभिक पूछताछ के दौरान फैसल ने कहा कि वह इस्तांबुल से लंदन के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट ले रहा था।' जम्मू और कश्मीर के पूर्व नौकरशाह ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से इस्तीफा देने के बाद जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी की स्थापना की थी।

अनुच्छेद 370 हटाने के बाद शाह फैसल के बयान और विवादित हो गए। एक बयान में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद अब सिर्फ दो ही विकल्प बचे हैं या तो वो लोग केंद्र के हाथों की कठपुतली बन जाएं या अलगाववादी इसके अलावा और कोई रास्ता बचा नहीं है। फैसल ने 12 अगस्त को ईद के मौके कहा कि कश्मीर की जनता सरकार के फैसले पर रो रही है। पूरी उन्होंने ट्वीट किया था, 'दुनिया ईद मना रही है लेकिन कश्मीर की जनता सरकार के फैसले पर रो रही है। कश्मीर में ईद तब तक नहीं मनाई जाएगी जब तक 1947 से मिला हुआ स्पेशल स्टेटस का दर्जा दोबारा न मिल जाए।'

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले के पहले से राज्य के कई बड़े नेताओं को हिरासत में रखा गया है। तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को भी हिरासत में रखा गया है।

370 हटाए जाने के फैसले के बाद शाह फैसल ने कहा था, 'कश्मीर एक अभूतपूर्व लॉकडाउन का सामना कर रहा है और राज्य की पूरी 80 लाख आबादी आज की तरह कभी कैद नहीं रही।' फैसल ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि कश्मीर में अभूतपूर्व भय। हर कोई टूट गया है। हर चेहरे पर हार की भावना स्पष्ट है। नागरिकों से लेकर विषयों तक। इतिहास ने हम सभी के लिए एक भयानक मोड़ लिया है। लोग सन्न हैं। ऐसी जनता, जिसकी जमीन, पहचान, इतिहास दिनदहाड़े छीन लिया गया है।