नई दिल्ली: ऑटो सेक्टर अपने सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रहा है. हर तरह की गाड़ियों की बिक्री घटी है. लगातार आठवें महीने गाड़ियों की बिक्री गिरी है. अब पहली बार सियाम- यानी सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटमोबाइल मैन्युफ़ैक्चरर्स ने आधिकारिक तौर पर माना है कि करीब साढ़े तीन लाख अस्थायी और कैजुअल नौकरियां जा चुकी हैं. यही नहीं, दस लाख लोगों की नौकरी ख़तरे में है.
सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि ऑटोमोबिल सेक्टर में तीन लाख से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी गई है. वाहन उत्पादन में 15000, डीलरों में 2.3 लाख और पुर्जों के उत्पादन में करीब 1 लाख अस्थायी नौकरियां गई हैं. करीब 10 लाख कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में हैं. हम सरकार से पैकेज की मांग करते हैं. हम चाहते हैं कि सरकार ऑटोमोबाइल सेक्टर पर जीएसटी रेट 28 से घटाकर 18 फीसदी करे कुछ समय के लिए.'
आंकड़े एक डरावनी तस्वीर पेश कर रहे हैं. पैसेंजर गाड़ियों में इस साल जुलाई तक 19 साल में सबसे बड़ी गिरावट है. पिछले साल जुलाई की तुलना में इस साल जुलाई में कारों की बिक्री 35.95 फ़ीसदी गिरी है. वहीं कमर्शियल गाड़ियों की बिक्री 37.48 फ़ीसदी घटी है. सभी तरह के यात्री वाहनों की बिक्री 30.98% घटी है जबकि दोपहिया वाहनों की बिक्री 16.82 % घटी है.
सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटमोबाइल मैन्युफ़ैक्चरर्स के मुताबिक देश में सभी तरह के वाहनों की बिक्री घटती जा रही है. ऑटो कंपनियों की इनवेन्टरी बढ़ती जा रही है जिस वजह से उन्हें प्रोडक्शन भी घटाना पड़ रहा है जिस वजह से अब तक करीब 3,45,000 के करीब Contract और Casual पर काम कर रहे इस क्षेत्र के लोगो की नौकरियां जा चुकी हैं. अगर संकट जल्दी दूर नहीं हुआ तो इसका दायरा और बढ़ता जाएगा और दस लाख लोगों की नौकरियां खतरे में आ सकती हैं.
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