नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाने के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में कश्मीर घाटी में छिट पुट प्रदर्शन हुए और इनमें से किसी प्रदर्शन में 20 से अधिक लोग शामिल नहीं हुए।

मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘श्रीनगर/बारामूला में छिटपुट प्रदर्शन हुए और इनमें से किसी प्रदर्शन में 20 से अधिक लोग शामिल नहीं रहे।’’ प्रवक्ता ने कश्मीर में करीब 10,000 लोगों के प्रदर्शन की मीडिया में आयी खबर को ‘‘गढ़ा हुआ तथा गलत’’ बताते हुए खारिज कर दिया।

सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटा दिया है और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया है।

जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों से सीआरपीसी की धारा-144 के तहत लागू निषेधाज्ञा हटा दी गई है और किश्तवाड़ एवं डोडा जिलों में कर्फ्यू में ढील दी गई है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि राज्य का विशेष दर्जा वापस लेने के बाद बुरी तरह से प्रभावित हुआ जनजीवन अब सामान्य हो रहा है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जम्मू क्षेत्र के पांच जिलों में स्कूल और कॉलेज खोल दिए गए हैं। सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थिति बढ़ी है। उन्होंने कहा,‘‘ जम्मू, कठुआ, सांबा, उधमपुर और रियासी जिलों में सभी तरह के प्रतिबंध हटा लिए गए हैं।

आज सभी शैक्षणिक संस्थान दोबारा खोल दिए गए।’’ अधिकारी ने बताया कि हालात सामान्य हो रहे हैं और पांच अगस्त को निषेधाज्ञा लागू करने के बाद से अब तक क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। इन जिलों में सभी बाजार और दुकानें खुली हैं एवं यातायात सामान्य है।

इलाके में जुम्मे की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से पढ़ी गई। हालांकि, पुंछ, राजौरी और रामबन जिलों में प्रतिबंध जारी रहेंगे। अधिकारी ने बताया कि पांच अगस्त को प्रशासन ने जम्मू क्षेत्र के दस जिलों में सीआरपीसी की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की थी।

किश्तवाड़ के जिला विकास आयुक्त अंग्रेज सिंह राणा ने बताया कि शहर के विभिन्न इलाकों में चरणबद्ध तरीके से एक घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई। अधिकारियों ने बताया कि भद्रवाह और पड़ोसी डोडा जिले में भी कर्फ्यू में ढील दी जा रही है। रामबन, पुंछ और राजौरी जिलों में भी स्थिति सामान्य है।