नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शुक्रवार (9 अगस्त) को कहा है कि जम्मू-कश्मीर पर भारत की पहल से पाकिस्तान बेचैन है और उसे लगता है कि अगर जम्मू कश्मीर में विकास होगा तो वह लोगों को गुमराह नहीं कर पाएगा और इसलिये वह दुनिया के सामने द्विपक्षीय संबंधों की चिंताजनक तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, यह पाकिस्तान के लिए वास्तविकता को स्वीकार करने और अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बाज आने का समय है। पाकिस्तान को इस सच्चाई को स्वीकार कर लेना चाहिए और दूसरे देशों के आतंरिक मामले में दखलअंदाजी बंद करे।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारत के राजनयिक स्तर में कटौती करने सहित अन्य कदम का मकसद दुनिया के सामने द्विपक्षीय संबंधों की चिंताजनक तस्वीर पेश करना है जिसे न तो भारत और न ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय मानता है । मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को लगता है कि अगर जम्मू कश्मीर में विकास होगा तो वह लोगों को गुमराह नहीं कर पाएगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददताओं से कहा कि शांति समझौते के साथ कश्मीर मुद्दे को जोड़ने के पाकिस्तान के प्रयास सफल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि " हमारा मानना है कि भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के बेहतर हितों को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए हैं। ’’ विदेश मंत्रालय ने अनुच्छेद 370 से जुड़ा, हाल का सम्पूर्ण घटनाक्रम पूरी तरह से भारत का आतंरिक मामला बताया।

पाकिस्तान द्वारा समझौता एक्सप्रेस को बंद किये जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और हमें इसका अफसोस है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद के पाकिस्तान से जुड़े घटनाक्रम में प्रश्नों के उत्तर में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ऐसी तस्वीर पेश करना चाहता है कि दोनों देशों के रिश्ते चिंताजनक स्थिति में हैं । उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन हम यह नहीं मानते हैं।’’ उन्होंने कहा कि वे :पाकिस्तान: हालात को बेहद चिंजातनक, युद्ध जैसी स्थिति के रूप में पेश करना चाहते हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ऐसा नहीं मानता।

पाकिस्तान की ओर से राजनयिक दर्जे में कटौती करने सहित अन्य कदमों के बारे में एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि हम इसकी निंदा कर चुके हैं। इस प्रकार के एकतरफा फैसले के बारे में उनको फिर से विचार करने के लिये कह चुके हैं।