नई दिल्ली : पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात निधन हो गया. वह 67 वर्ष की थीं. एम्स के सूत्रों ने बताया कि स्वराज को रात 10 बजकर 15 मिनट पर अस्पताल लाया गया और उन्हें सीधे आपातकालीन वार्ड में ले जाया गया. हालांकि उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. सुषमा स्वराज के निधन के बाद भाजपा के तमाम नेताओं ने तो उन्हें अपने-अपने तरीके से याद ही किया. साथ ही विपक्ष के नेताओं ने भी उन्हें श्रद्धान्जलि दी. सियासी जीवन में भले ही सुषमा स्वराज और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच काफी मतभेद रहा हो, लेकिन सुषमा स्वराज के निधन पर सोनिया गांधी ने उन्हें श्रद्धान्जलि देते हुए लिखा, 'सुषमा उस वक्त चली गईं जब उन्हें अभी सार्वजनिक जीवन में रहकर देश के लिए और योगदान देना था.'

सुषमा के पति स्वराज कौशल को लिखे पत्र में सोनिया ने कहा, ‘मैं आपकी प्रिय पत्नी के आकस्मिक निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध और बहुत दुखी हूं.' सोनिया ने कहा, ‘सुषमा स्वराज जी एक नैसर्गिक प्रतिभा वाली महिला थीं. उन्होंने जो भी पद संभाला उस पर रहते हुए उन्होंने साहस, प्रतिबद्धता, समर्पण और योग्यता का परिचय दिया. वह बहुत ही मिलनसार थीं और समाज के सभी तबकों के लोगों के साथ उनका गर्मजोशी भरा रुख होता था.' उन्होंने कहा, ‘सुषमा जी एक शानदार वक्ता, महान सांसद थीं और उनका मित्रवत स्वभाव ऐसा था कि संपूर्ण राजनीतिक परिदृश्य में उन्हें सबका स्नेह और प्रशंसा मिली. लोकसभा में वर्षों तक सहयोगी के तौर पर हमने काम किया और हमारे बीच एक गर्मजोशरी भरा संबंध बना. आज मुझे बहुत क्षति का आभास हो रहा है.'

सोनिया ने कहा, ‘वह बहुत कम उम्र में हमें उस वक्त छोड़कर चली गईं जब उन्हें अभी सार्वजनिक जीवन में रहकर बहुत योगदान देना था. इसको देखते हुए उनका निधन और दुखद है.' उन्होंने कहा, ‘दुख की इस घड़ी में आपके (कौशल) और बांसुरी (बेटी) के प्रति मेरी संवेदना है. ईश्वर आपको यह क्षति बर्दाश्त करने की शक्ति दे.' आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर मंगलवार को गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय राजनीति के एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया. मोदी ने स्वराज के निधन को ‘व्यक्तिगत क्षति' बताया. मोदी ने ट्वीट किया, ‘असाधारण नेता के निधन से भारत शोकाकुल है.' उन्होंने कहा कि वह भूल नहीं सकते कि कैसे पूर्व विदेश मंत्री बिना थके काम करती थीं.