इस्लामाबाद: जम्मू- कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान की संसद में संयुक्त सत्र बुलाया गया है जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपनी बात रखी है.

इमरान ख़ान ने अपने भाषण में कहा है कि भारत में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी नस्लवादी श्रेष्ठता की विचारधारा को लेकर आगे बढ़ रही है और वही कर रही है जो जर्मनी में नाज़ी पार्टी ने किया था. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी बीजेपी और आरएसएस भारत के हिंदुओं को मुसलमानों से बेहतर समझते हैं और उन पर क़ाबिज़ होना चाहते हैं.उन्होंने ये भी कहा कि कश्मीर में नस्लीय सफ़ाया करने और वहां की आबादी का चरित्र बदलने की तैयारी की जा रही है.

हालांकि अभी तक भारत की ओर से इमरान ख़ान के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

इमरान ख़ान ने पाकिस्तानी संसद में कहा- ये जो संयुक्त सत्र है इसकी अहमियत सिर्फ़ कश्मीरियों के लिए ही नहीं है बल्कि ये पूरी दुनिया के लिए संदेश है.
जब हमारी सरकार आई तो मेरी सरकार की पहली प्राथमिकता थी कि पाकिस्तान में ग़रीबी ख़त्म की जाए. हमने फ़ैसला किया कि सभी पड़ोसियों से रिश्ते ठीक किए जाएं.जब तक तनाव रहता है, अस्थिरता रहती है, उसका सबसे ज़्यादा असर अर्थव्यवस्था और विकास पर पड़ता है और आप लोगों को ग़रीबी से नहीं निकाल सकते.

मैंने सत्ता संभालते ही भारत से कहा कि अगर आप एक क़दम हमारी ओर बढ़ाएंगे तो हम दो क़दम आपकी ओर बढ़ाएंगे.अमरीकी दौरे के दौरान भी मैंने ये कोशिश की कि पहले से चले आ रहे मुद्दों को सुलझाया जा सके ताकि पाकिस्तानी में निवेश आए और हम लोगों को ग़रीबी से निकाल सकें.मैंने जब पहली बार नरेंद्र मोदी से बात की तो उन्होंने कई अंदेशे ज़ाहिर किए. कहा कि आपके देश में ट्रैनिंग कैंप चलते हैं.तब मैंने उन्हें समझाया कि पेशावर में स्कूल पर हुए हमले के बाद हमने एक नेशनल एक्शन प्लान बनाया है जिसके तहत हमने तय किया है कि हम देश में किसी ट्रैनिंग कैंप को नहीं चलने देंगे.

हमने उनसे बात शुरू करने की कोशिश की, हमें अहसास हुआ कि उनकी बातचीत में कोई रूचि नहीं है. फिर पुलवामा में हमला हो गया. हमने पूरी कोशिश की उन्हें समझाने की कि इसमें पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं है.लेकिन हमें अहसास हो गया था कि वहां चुनाव हैं और उन्हें पाकिस्तान को ही बलि का बकरा बनाना है. उन्होंने अपने देश में युद्धोन्माद बनाया, ताकि वो पाकिस्तान विरोधी भावना पैदा करके अपने देश में चुनाव जीत लें.

उन्होंने डोज़ियर बाद में भेजा पहले अपने विमान पाकिस्तान भेज दिए. हमने उनका पायलट पकड़ा और तुरंत छोड़ दिया ये ज़ाहिर करने के लिए कि पाकिस्तान का तनाव बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है.हम चुप बैठ गए और भारत में चुनाव ख़त्म होने का इंतज़ार करने लगे. लेकिन बाद में जब हमने उनसे बात करने की कोशिश की तो उनके रवैये को देखकर हमें ये अहसास हो गया कि वो अमन की हमारी कोशिशों को हमारी कमज़ोरी समझते हैं.

अमरीका यात्रा के दौरान मैंने राष्ट्रपति ट्रंप को बताया कि भारतीय उपमहाद्वीप में एक अरब के करीब लोग कश्मीर मुद्दे के बंधक हैं. मैंने उनसे मध्यस्थतता की गुज़ारिश की लेकिन भारत ने इसे भी नकार दिया है.अब भारत ने कश्मीर में जो किया है वो बीजेपी की विचारधारा है. ये आरएसएस की विचारधारा पर आधारित है. इनके संस्थापक गोलवलकर और अन्य की विचारधारा स्पष्ट है.

उनकी विचारधारा ये थी कि वो मुसलमानों का हिंदुस्तान से नस्लीय सफ़ाया करेंगे. उनके लिए हिंदुस्तान सिर्फ़ हिंदुओं का है. उन्होंने कभी ये नहीं सोचा कि हिंदुस्तान सबका होगा.