नई दिल्ली: इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए विश्व कप के विवादित फाइनल मुकाबले के कारण पूरी दुनिया में आईसीसी की आलोचना हो रही है. सुपर ओवर में टाई रहे मुकाबले को मेजबान इंग्लैंड ने बाउंड्री के आधार पर जीता. जहां इस तरह से इंग्लैंड को विजेता घोषित करने पर आईसीसी पर तंज कसा जा रहा है, वहीं इंग्लैंड की पारी के आखिरी ओवर में ओवर थ्रो पर उसे एक अतिरिक्त रन देने पर भी आईसीसी पर निशाना साधा जा रहा है. अब उस नियम को बदलने की योजना है.

thetimes.co.uk की खबर के अनुसार एमसीसी विवादित ओवर थ्रो नियम की समीक्षा करने की योजना बना रही है. 14 जुलाई को लॉर्ड्स में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए फाइनल मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड को जीतने के लिए आखिरी तीन गेंदों पर नौ रन चाहिए थे. ऐसे में बेन स्टाेक्स ने बोल्‍ट की गेंद पर हिट किया और सिंगल ले लिया. तभी गप्टिल डायरेक्ट हिट करना चाहते थे और बेन स्टोक्स दूसरा रन लेने के लिए दौड़े.

बेन स्टोक्स ने डाइव लगाकर खुद को बचाया, लेकिन गप्टिल के थ्रो पर उनका बल्ला लग गया और गेंद बाउंड्री तक चली गई. जिससे दो रन मिलाकर ओवर थ्रो से चार रन इंग्लैंड को मिले और कुल छह रन के दम पर इंग्लैंड ने मुकाबला टाइ करवा दिया, जिसके बाद सुपर ओवर में भी मुकाबला टाइ रहा और सबसे ज्यादा बाउंड्री के आधार पर इंग्लैंड ने खिताब अपने नाम कर लिया.

दरअसल उस समय सभी ने अंपायर के फैसले को माना और इंग्लैंड के खाते में छह रन जुड़ गए, लेकिन मामला तब बढ़ गया, जब पूर्व अंपायरपूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने बताया कि इंग्लैंड को पांच रन की जगह अंपायर ने छह रन ‌दिया. उन्होंने आईसीसी के नियम 19.8 की चर्चा करते हुए दावा किया कि नियम के अनुसार यदि ओवर थ्रो या फिर फील्डर के जानबूझ कर किए गए एक्ट से बाउंड्री तक गेंद पहुंच जाती है तो इसका फायदा दूसरी टीम को मिलता है. रन लेते समय रन का फायदा तभी मिलता है, जब बल्‍लेबाज ने थ्रो से पहले रन पूरा कर लिया हो, यदि वह थ्रो से पहले ही क्रॉस कर जाते हैं. तब उनको इसका फायदा मिलेगा, लेकिन फाइनल में जब डीप से मार्टिन गप्टिल ने थ्रो किया था, तब तक बेन स्‍टोक्स और आदिल रशीद ने क्रॉस नहीं किया था.