लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शुक्रवार को सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने जा रही थीं मगर प्रशासन ने उन्हें वहां जाने से रोक लिया और उन्हें कांग्रेस कार्यकर्ताओं समेत हिरासत में ले लिया जिसके बाद वह धरने पर बैठ गयीं और खबर लिखे जाने तक प्रियंका गाँधी गेस्ट हाउस में बैठी है हालाँकि गेस्ट हाउस की लाइट प्रशासन द्वारा काट दी गयी है फिर भी प्रियंका गाँधी अपने फैसले से टस से मस नहीं हुई और कहा कि वह पीड़ित परिवारों से मिले बिना हरगिज़ वापस नहीं जाएंगी भले ही चाहे जितना समय लगे| प्रियंका गाँधी ने इस बीच 50000 हज़ार रुपये के मुचलका भरने से साफ़ इंकार कर दिया| प्रियंका ने कहा, मैंने कोई अपराध नहीं किया है। मैं ज़मानत बिल्कुल नहीं भरूँगी|

उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शुक्रवार को सोनभद्र जाते वक्त 25 किलोमीटर पहले नारायण पुलिस चौकी पर प्रशासन ने रोका लिया है. जिला प्रशासन की इस कार्रवाई पर प्रियंका ने कहा कि मेरे वहां पर जाने से कोई कानून व्यवस्था पर असर नहीं पड़ने वाला. उन्होंने कहा कि मुझे किस कानून के तहत रोका गया. प्रियंका गांधी धरने पर बैठ गई हैं. धरने पर बैठी प्रियंका ने कहा कि मुझे जिला प्रशासन के अधिकारी ऑर्डर की कॉपी दिखाए मुझे किस नियम के तहत रोका गया है. मैं तो यहां तक कहा कि मेरे साथ सिर्फ 4 लोग होंगे. फिर भी प्रशासन हमें वहां जाने नहीं दे रहा है. उन्हें हमें बताना चाहिए कि हमें क्यों रोका जा रहा है. हम यहां शांति से बैठे रहेंगे. इस मामले में यूपी डीजीपी ने कहा कि प्रियंका गांधी को हिरासत में नहीं लिया गया है. डीजीपी कार्यालय के मुताबिक सोनभद्र में धारा 144 लगी हुई है. कांग्रेस ने वहां जाने की कोई परमिशन नहीं ली हैं. वहीं प्रशासन ने प्रियंका गांधी समेत कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है. बताया जा रहा है कि सोनभद्र के मूर्तिया गांव में धारा 144 लगी हुई है. हिरासत में लेने के बाद प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया. इस दौरान कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मुझे नहीं पता कि कहां ले जाया जा रहा है, लेकिन वे जहां ले जाएंगे हम जाने को तैयार हैं. लेकिन झुकेंगे नहीं. फिलहाल प्रियंका को चुनार गेस्ट हाउस ले रखा जाएगा. इससे पहले प्रियंका सुबह 9:40 पर वाराणसी पहुंचने के बाद ट्रामा सेंटर में गईं. जहां उन्‍होंने सोनभद्र के घोरावल कोतवाली इलाके के धुम्मा गोलीकाण्ड में घायल हुए लोगों से हाल चाल पूछा.