लखनऊ: कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने सोनभद्र के जिला अस्पताल और उभ्भा गांव का दौरा करके उन पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना व उ0प्र0 की प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की तरफ से मृतकों को शोक संवेदना व्यक्त की पीड़ित परिवारों के लिए उनके संदेश को बताया कि प्रियंका जी इस घटना से बहुत व्यथित एवं क्षुब्ध हैं। विदित है कि अभी कल ही सोनभद्र के घोरावल थाना अंतर्गत उभ्भा गांव में सरकारी सरंक्षण में भूमाफियाओं ने गरीब आदिवासियों पर गोली चलाई जिसमें 11 लोगों की मौत हो गयी और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बताया कि सोनभद्र में पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद विधान मंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जमीनी विवाद कह कर भाजपा सरकार और प्रशासन पीड़ितों के जले पर नमक छिड़क रहा है और अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रहा है। यह जमीनी विवाद नहीं बल्कि सामूहिक नरसंहार है। श्री लल्लू ने बताया कि आदिवासी समुदाय के लोग लंबे समय से अपनी जान माल की सुरक्षा को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई थी लेकिन उसको अनदेखा किया गया। घटना के दो दिन पहले भी आदिवासियों ने प्रशासन को अवगत कराया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रतिनिधि मंडल ने मौके पर यह भी पाया कि घटना स्थल पर जब भूमाफिया गोलीबारी कर रहे थे तो पीड़ितों ने पुलिस सहायता के लिए 100 डायल पर फोन किया लेकिन प्रशासन की मिलीभगत के चलते साजिशन पुलिस देर से पहुंची। अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि इतनी नृशंस नरसंहार होने के बाद भी प्रशासन मृतक आदिवासियों के शवों को घुमाता रहा और बाद में पीड़ित परिवारों पर दबाब बनाकर दाह संस्कार करा दिया।

प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि पूरे प्रकरण पर वे अपनी रिपोर्ट कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को भेज दिए हैं, जल्द ही श्रीमती गांधी पीड़ित परिवारों से आकर मुलाकात करेंगी। कांग्रेस पार्टी हमेशा से देश के किसानों, आदिवासियेां, गरीबों और पीड़ितों के साथ खड़ी रही है और नृशंस हत्याकाण्ड में भी पीड़ितों के साथ खड़ी होकर लड़ाई लड़ेगी और न्याय दिलायेगी।

श्री लल्लू ने मांग करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार तत्काल मृतक परिवारों को 25-25 लाख रुपये, घायलों को 15-15 लाख रूपये मुआवजे के साथ ही जमीन का पट्टा आवंटित करे। इसके साथ ही साथ पूरे प्रकरण की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायिक जांच कराने की मांग की।