लखनऊ: प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज गवर्नर हाउस में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित उर्दू की मासिक पत्रिका "नया दौर" के विशेषांक का विमोचन किया| राज्यपाल महोदय उर्दू भाषा से काफी लगाव रखते हैं और लखनवी सभ्यता के बड़े प्रशंसक भी हैं, जिसका उल्लेख शहर के विभिन्न साहित्यिक आयोजनों में उर्दू भाषा और साहित्य के सन्दर्भ में करते रहे हैं। वह अपनी राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों के बावजूद साहित्य व उसके अनुरागियों से अपने प्रेम को जताते रहे हैं।

अप्रैल का यह विशेष संस्करण काजी अब्दुलसत्तार , इकबाल मजीद, अरशद अमरोहवी और शमीम निखत की साहित्यिक सेवाओं पर आधारित है| इस विमोचन कार्यक्रम के अवसर पर "नया दौर " पत्रिका के स्टाफ के साथ राज्यपाल महोदय ने चर्चा की| उनकी चर्चा का विषय "नया दौर" ही रहा | बातचीत के दौरान अपनी किताब "चैरेवति चैरेवति" के बारे में विगत वर्ष "नया दौर" में प्रकाशित विशेष लेख की भी चर्चा की और इस बात को माना कि उर्दू भाषा के सन्दर्भ से "नया दौर" के प्रयास प्रशंसनीय रहे हैं | उन्होंने पत्रिका संपादक श्री आसिम रज़ा से "नया दौर" के बारे में जानकारी हासिल की | बातचीत में राज्यपाल महोदय ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में गवर्नर हाउस में उन्होंने तीस हज़ार से ज़्यादा लोगों से मुलाक़ात की|

इस अवसर पर "नया दौर" के संपादक आसिम रज़ा, असिस्टेंट डायरेक्टर अंजुम नक़वी, सह संपादक शाहिद कमाल के साथ वक़ार हुसैन रिज़वी , डॉक्टर अहमद, सयेद नाज़िश अहमद व दूसरे सम्मानित अतिथि भी उपस्थित रहे|