लखनऊ : सपा-बसपा गठबंधन की राजनीति पर पूरी तरह पूर्णविराम लगाए जाने के बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती की घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने सोमवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। सपा ने दावा किया कि दलित समुदाय बड़ी संख्या में अखिलेश यादव का समर्थन कर रहा है, यह देखकर मायावती ने जल्दबाजी में गठबंधन तोड़ने का फैसला किया। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रमाशंकर विद्यार्थी ने कहा, 'दलित समुदाय बड़ी संख्या में सपा और अखिलेश यादव का समर्थन कर रहा है, इसलिए मायावती ने जल्दबाजी में गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया है। इसी कारण वह समाजवादी पार्टी के खिलाफ भी बोल रही हैं।'

उन्होंने कहा, 'दलित समाज बड़े तौर पर समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव से जुड़ रहा है। गठबंधन की 'मालकिन' ने जो काम किया है उसकी सच्चाई के बारे में लोगों को पता है।' सपा नेता मायावती की गठबंधन तोड़ने वाली घोषणा पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि भविष्य के 'छोटे या बड़े' सभी चुनाव बसपा अपने बलबूते लड़ेगी। मायावती की इस घोषणा के साथ ही लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बने इस गठबंधन का अंत हो गया। मायावती ने रविवार को लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में लोकसभा चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा की गई। इसके एक दिन बार बसपा सुप्रीमो ने सपा के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया।

मायावती ने कहा कि सपा के 2012 से 2017 के कार्यकाल में कई दलित विरोधी चीजें हुईं लेकिन सभी बातों को भूलकर उन्होंने गठबंधन किया। उन्होंने कहा, 'हमने देश हित में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन धर्म निभाया लेकिन चुनाव के बाद सपा का रुख देखकर हमें गठबंधन के बारे में सोचने पर बाध्य होना पड़ा कि क्या यह गठबंधन भविष्य में भाजपा को हरा पाएगा? यह संभव नहीं है।' मायावती ने कहा, 'इसलिए, पार्टी और आंदोलन के हित में बसपा अकेले अपनी ताकत के साथ सभी छोटे और बड़े चुनाव लड़ेगी।'

इस बीच गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने कहा, 'हमारी पार्टी का बीएसपी के साथ कुछ भी लेना देना नहीं है।' उत्तर प्रदेश आरएलडी के अध्यक्ष मसूद अहमद ने कहा, 'हमारी पार्टी का बीएसपी के साथ कुछ लेना-देना नहीं है। रालोद का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन था न कि बसपा के साथ। हमारा सपा के साथ गठबंधन जारी है। गठबंधन के बारे में सपा और बसपा को फैसला लेना है।' अहमद ने कहा कि बसपा का गठबंधन से अलग हो जाने का असर सपा-रालोद गठबंधन पर नहीं होगा।