श्रेणियाँ: मनोरंजन

‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ ने बर्बाद कर दी अनुराग कश्यप की जिंदगी

नई दिल्ली: फिल्मकार अनुराग कश्यप का कहना है कि सात साल पहले जब आज ही के दिन 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' रिलीज हुई थी, तबसे उनकी जिंदगी बर्बाद हो गई है. कश्यप ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, "आज से ठीक सात साल पहले मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई थी. तब से हर कोई चाहता है कि मैं बार-बार वही चीज करूं. जबकि मैं उस चाहत से दूर भागने का असफल प्रयास कर रहा हूं. खैर, उम्मीद करता हूं कि 2019 के अंत तक साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी."

असल जिंदगी की कहानी पर आधारित 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' दर्शकों को बेहद पसंद आई थी और ओपनिंग वीकेंड में ही फिल्म ने 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार कर लिया था. यह फिल्म झारखंड के धनबाद जिले में स्थित वासेपुर पर आधारित है, जिसमें मनोज बाजपेयी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, पीयूष मिश्रा और रिचा चड्ढा प्रमुख भूमिकाओं में नजर आए थे.

हाल ही में अनुराग ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी थी कि वह अपनी एक नई कंपनी बनाने वाले हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, "नई कंपनी, नई फिल्म, नई शुरुआत." इस ट्वीट के बाद सभी को उनकी इस नई शुरुआत की पूरी जानकारी हासिल करने की बैचेनी है. इससे पहले अनुराग, विक्रमादित्य मोटवानी, मधु मंतेना और विकास बहल के साथ फैंटम्स फिल्म्स के भागीदारों में से एक थे. इन चारों की पार्टनरशिप सात साल की थी, लेकिन पिछले साल किसी वजह से यह कंपनी बंद हो गई.
साल 2011 में स्थापित इस कंपनी ने 'क्वीन', 'मसान', 'लूटेरा' और 'उड़ता पंजाब' जैसी फिल्में बनाई हैं. अनुराग कश्यप हाल ही में वीडियो-ऑन-डिमांड प्लेटफॉर्म मिंक (एमवाईएनके) के मेंटर बने. यह भारतीय दर्शकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय आर्टहाउस फिल्मों को लेकर आएगा.

Share

हाल की खबर

सरयू नहर में नहाने गये तीन बच्चों की मौत, एक बालिका लापता

मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…

मई 1, 2024

बाइक सवार दोस्तों को घसीट कर ले गई कंबाइन मशीन, एक की मौत, दूसऱे की हालत गंभीर ,लखनऊ रेफर

बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…

मई 1, 2024

एचडीएफसी बैंक के पेजैप ऐप को ‘सेलेंट मॉडल बैंक’ का पुरस्कार मिला

मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…

मई 1, 2024

पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का होगा समाधानः अवनीष अवस्थी

-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…

मई 1, 2024

पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…

मई 1, 2024

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…

मई 1, 2024