नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर रांची के प्रभात तारा मैदान में 40 हजार लोगों के साथ योग के आसन किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि योग सबका है और यह जाति, धर्म और मजहब से परे है। उन्होंने योग को चिकित्सा की अन्य पद्धतियों के साथ जोड़ने पर बल देते हुए इसे जन-जन तक पहुंचाने की अपील की। पीएम ने योग के लिए इस बार रांची को चुनने की अपनी वजह भी बताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रदेश का प्रकृति से नाता बहुत गहरा है और आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत यहीं से हुई। रांची और स्वास्थ्य का रिश्ता इतिहास में दर्ज है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार योग को स्वास्थ्य देखभाल के एक स्तंभ के रूप में विकसित करना चाहती है। युवाओं में हृदय की बीमारी पर चिंता जताते हुए पीएम ने कहा कि इसे रोकने में योग अहम भूमिका निभा सकता है और इसलिए इस वर्ष योग दिवस का थीम 'योगा फॉर हार्ट' रखा गया है। उन्होंने लोगों से योग को समाज के सभी वर्गों तक ले जाने और योग को अपने दैनिक जीवन में लागू करने की अपील की। उन्होंने कहा, 'शांति और सद्भाव योग से जुड़े हुए हैं। दुनिया भर के लोगों को इसे अपने जीवन में अपनाना चाहिए।'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें आधुनिक योग को शहरों से निकालकर गांवों, गरीबों एवं आदिवासी समुदाय की तरफ ले जाना है। मुझे योग को गरीब लोगों के जीवन का हिस्सा बनाना है क्योंकि बीमारी के समय में यही तबका सबसे ज्यादा तकलीफ सहता है। हम सभी योग के महत्व को जानते हैं। यह हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है लेकिन हमें इसे एक नए स्तर पर ले जाना है।'

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र ने 2015 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। तब से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। प्रधानमंत्री 5वीं बार योग दिवस कार्यक्रम में शरीक हुए। इसके पहले वह देश के अलग-अलग शहरों में योग कार्यक्रम का हिस्सा बन चुके हैं। पीएम पहली बार 2015 के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दिल्ली के राजपथ पर हुए कार्यक्रम में शरीक हुए थे। प्रधानमंत्री ने पिछले साल देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में करीब 50 हजार लोगों के साथ योग किया था। पीएम मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के महाधिवेशन को संबोधित करते हुए योग को एक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था।