नई दिल्ली: तेलुगू देशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू विदेश में परिवार के साथ छुट्टी बिता रहे हैं। इधर राज्यसभा में उनकी पार्टी के चार सांसदों ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए । जिन चार राज्यसभा सांसदों ने पार्टी से इस्तीफा दिया उसमें वाईएस चौधरी, टीजी वेंकटेश, सीएम रमेश और जी मोहन राव शामिल हैं। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चारों सांसदों को राजधानी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलाई।

टीडीपी के सांसदों ने एक रिजोल्यूशन पारित करके कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व से प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एन चंद्रबाबू नायडू ने कार्यकर्ताओं से भावुक अपील की है।

नायडू ने कहा, 'ये हमारे लिए नया नहीं है। हम आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने और प्रदेश के हित में लड़े। हमने अपने केंद्रीय मंत्री कुर्बान किए। हम टीडीपी को कमजोर करने की बीजेपी की कोशिशों की निंदा करते हैं। नेताओं और कार्यकर्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है।'

राज्यसभा में छह सदस्यों वाली टीडीपी के चार सदस्य अलग गुट बनाकर भाजपा का समर्थन करने से उनपर दलबदल कानून लागू नहीं होता। टीडीपी से अलग गुट बनाने वाले सदस्यों ने राज्यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू को पत्र लिखकर अपने फैसले से अवगत करा दिया है।

उल्लेखनीय है कि चार सदस्यों का समर्थन मिलने से उच्च सदन में बहुमत के संकट से जूझ रही भाजपा को राहत मिलेगी। भाजपा की अगुवाई वाले राजग के पास राज्यसभा में फिलहाल बहुमत नहीं है।

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाली टीडीपी के राज्यसभा में छह सदस्य हैं और दलबदल विरोधी कानून के मुतबिक किसी दल से अलग हुये नये गुट को तभी मान्यता मिलेगी जबकि उसके दो तिहाई सदस्य इस गुट में शामिल हों। राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या 245 है। उच्च सदन में सर्वाधिक 71 सदस्यों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है।