लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लोकभवन में रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने "द मिलियन फार्मर्स स्कूल (किसान पाठशाला)" का शुभारंभ किया. इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो किसान पलायन करने को मजबूर था वो आज रिकॉर्ड उत्पादन कर रहा है. क्योकि मशीनरी वहीं थी आज भी वहीं है, लेकिन राजनैतिक नेतृत्व बदला है. उन्होंने कहा कि 5 दशक पहले देश को दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था.

सीएम ने कहा कि विगत 2 वर्षों के परिणाम है कि यूपी में किसानों ने रिकॉर्ड खाद्यान्न को प्राप्त किया है. ये वहीं प्रदेश है जहां किसान आत्महत्या करता था. पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा कि उस समय राजनीतिक उपेक्षा के शिकार होते थे किसान. केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद कि योजनाओं को भी यहां लागू नहीं किया गया. इसका खमियाजा हमारे किसानों को भुगतना पड़ा.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 में जब किसानों ने हमारे हाथों में बागडोर सौंपी तो किसान हमारे एजेंडे में था. उन्होंने कहा कि 2 करोड़ 33 लाख किसानों के डाटा बैंक को तैयार करने और केंद्र की योजनाओं को लागू करने का कार्यक्रम तैयार किया गया. योगी ने दावा करते हुए कहा कि किसानों से जुड़ी समस्याओं की मॉनिटरिंग प्रतिदिन मैं खुद ही करता हूं. आज प्रदेश में 6 हजार से अधिक जगहों पर गेंहू क्रय केंद्र संचालित हो रहे हैं.

वहीं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 1 करोड़ 3 लाख किसानों को 2-2 हजार की किश्त मिली है, बाकियों का भी डेटा तैयार कर रहे हैं. सीएम योगी ने कहा कि 72 घंटों में ही RTGS के जरिए 1860 रुपए भेज रहे हैं. हम लोग जब आए थे तब 2011 से 2017 तक गन्ना किसानों का बकाया था. पिछली 2 सरकारों को देखेंगे तो 50 हजार करोड़ बमुश्किल बकाया दिया. हम लोगों ने 2 सालों में 68 हजार करोड़ से ज्यादा बकाया उपलब्ध करवाया है. सीएम योगी ने कहा कि अब जो चीनी मिल लगा रहे हैं, उसमें एथनॉल बनाने की व्यवस्था भी कर रहे है. उन्होंने कहा, आने वाले समय मे अन्य चीनी मिलों को भी आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.'