लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि परीक्षाओं में निष्पक्षता के लिए आवश्यक है कि लोकसेवा आयोग में 2017 से अब तक हुई परीक्षाओं की सीबीआई जांच के साथ गड़बड़ी में शामिल अन्य अधिकारियों को भी बर्खास्त किया जाए।

प्रिंटिग प्रेस व अन्य संवेदनशील कार्य यूपीएससी के अधीन हो। परीक्षा नियंत्रक के कार्यकाल की सभी परीक्षाएं निरस्त की जाएं। अखिलेश यादव ने शनिवार को जारी बयान में यह बात कही। उन्होंनें कहा कि युवाओं को नौकरियों का सब्जबाग दिखाकर ठगने और उनके भविष्य से खिलवाड़ करने में केंद्र व यूपी सरकार को कतई संकोच नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में तो हालत और भी बुरी है। नौजवान सालभर परीक्षा की तैयारी करते हैं और आखिर में पेपरलीक के बहाने परीक्षाएं स्थगित हो जाती है। माफिया गिरोहों और भ्रष्ट अफसरशाही की सांठगांठ के चलते घूसखोरी और भ्रष्टाचार का खेल निरंकुश तरीके से चलता है।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के वर्तमान सचिव और परीक्षा नियंत्रक की एक डिफाल्टर प्रिंटिग प्रेस मालिक से मिलीभगत के चलते पेपरलीक से 10 भर्ती परीक्षाएं स्थगित हो गई हैं। हजारों छात्रों का भविष्य अंधेरे में हो गया। उनका मनोबल टूट गया। अपने भविष्य को लेकर चिंतित नौजवानों ने जब प्रयागराज स्थित आयोग कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण और अहिंसक धरना-प्रदर्शन किया तो उन पर लाठियां बरसाई गईं। इस लाठीचार्ज से भाजपा सरकार का अमानवीय चेहरा सामने आया है। इस अवैधानिक कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है।

भारतीय जनता पार्टी ने युवा पीढ़ी के साथ छल करने के साथ युवाओं के सपनों को तोड़ने का पाप किया है। छात्रों-नौजवानों के साथ प्रति भाजपा सरकार का रवैया हमेशा प्रतिशोध का रहा है। विश्वविद्यालयों में छात्रों की वैध मांग करने पर बर्बर लाठीचार्ज के अलावा गिरफ्तारी और जेल यातना सहनी पड़ती है।